देश में राजवाड़े के लिए ख्यातिनाम शहर ग्वालियर में खूनी खेल खेला जा रहा था। जरूरतमंदों को प्लाज्मा थैरेपी के नाम पर पानी बेचा जा रहा था। इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले इस अवैध कारोबार का जब भांडा फूटा, तो हर किसी की आखें चौंधियां गई।
दरअसल, मध्यप्रदेश में मिलावट कर प्लाज्मा बेचने का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने मास्टर माइंड अजय त्यागी के घर दबिश देकर प्लाज्मा मिलावट के बड़े व्यापार का खुलासा किया है। छापेमार कार्रवाई के दौरान पुलिस ने आरोपी के घर से ब्लड बैंक के सर्टिफिकेट सहित अन्य सामान बरामद किए हैं।
जानकारी के अनुसार आरोपी शातिर अंदाज में प्लाज्मा में मिलावट कर बेचने का व्यापार कर रहे थे। वहीं आज मास्टर माइंड अजय त्यागी के घर दबिश देकर पुलिस ने 200 खाली ब्लड प्लाज्मा के कैरिबैग, 500 से ज्यादा रसीदें, ब्लड बैंक के सर्टिफिकेट, एसडीएम, सीएमएचओ, जीआरएमसी के डीन सहित रेड क्रॉस की सील और दस्तावेज बरामद किए।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया है कि एक यूनिट प्लाज्मा में पानी मिलाकर 4 से 5 यूनिट प्लाज्मा बनाते थे। वहीं निजी अस्पतालों के गार्ड और वार्ड बॉय और स्टाफ के जरिए खून और प्लाज्मा को बेचने का धंधा करते थे।
बता दें कि ग्वालियर पुलिस ने मिलावट कर प्लाज्मा बेचने का खुलासा एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि मृतक को मिलावट वाला प्लाज्मा दिया था। परिजनों की तहरीर पर पड़ाव थाना पुलिस ने घटिया प्लाज्मा बेचने वाले मास्टरमाइंड अजय शंकर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इस मामले में अब बड़े खुलासे हो रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना मरीजों का इलाज प्लाज्माथेरेपी के द्वारा भी किया जाता है जिसमें पूर्व में संक्रमित हुए व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकाल कर संक्रमित मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है। जिससे कोरोनो मरीज के शरीर में एंडीबॉडी तैयार हो जाती है और व्यक्ति जल्द स्वस्थ हो जाता है।