History of Vaccines : ‘आवश्यकता आविष्कार की जननी है’ यह कहावत दुनिया में फैली महामारियों और उसके वैक्सीन पर एकदम सटीक बैठती है। जब-जब दुनिया में किसी महामारी ने पैर पसारा है, तब-तब किसी वैक्सीन का आविष्कार हुआ है। महामारी और वैक्सीन का एक लंबा इतिहास है। कोरोना महामारी की वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में हल्ला है। दुनिया के लिए खतरा बन चुके कोरोना वायरस से बचाव का अब सिर्फ वैक्सीन ही सहारा है। ऐसे में पूरी दुनिया की नजर कोरोना वैक्सीन पर टिकी है। ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर इस वैक्सीन का इतिहास क्या है। दुनिया ने पहली बार किस रोग के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया।
कोरोना के पूर्व दुनिया में प्लेग, चेचक, हैजा, टाइफाइड, टिटनेस, रेबीज, टीबी, पोलियो जैसी कई महामारियों से रू-ब-रू हो चुकी है। दुनिया कई दफा संक्रामक बीमारी के प्रकोप से जूझ चुकी है। इन संक्रामक बीमारी के चलते लाखों-करोड़ों लोगों की जानें जा चुकी है। सदियों से किए जा रहे अध्ययन और शोध बताते हैं कि इन महामारी से निजात दिलाने के लिए शोधकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों ने वैक्सीन की खोज की और संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाया।
– 1796 में दुनिया में आई पहली वैक्सीन
दुनिया में कई दशकों तक चेचक का प्रकोप जारी रहा था। इसकी वजह से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। चेचक दुनिया की पहली बीमारी थी, जिसके टीके की खोज हुई। 1796 में अंग्रेज चिकित्सक एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीके का आविष्कार किया। इस आविष्कार से आज करोड़ों लोग चेचक जैसी घातक बीमारी से ठीक हो चुके हैं। चेचक का टीका दुनिया के लिए एक चमत्कार से कम नहीं था।