मगरलोड(राजेन्द्र साहू)। राज्य में सरकार ने रेतखदानों को लेकर सख्त कानून बनाए है। ताकि सरकार को इसके रॉयल्टी में घाटा ना हो। मगरलोड में सरकार ने कई सारे रेत खदानों को स्वीकृति दी है। खदानों में ठेकेदार सरकार के नियमों को ताक में रखकर रेत की सप्लाई कर रह है।
करेली छोटी , गिरौद , कुल्हाड़ीकोट, हसदा नंबर एक , बोरसी , सरगी रेत खदानों में नेशनल ग्रीन टुयूबनल (एनजीटी ) के नियमों का खुलकर उल्लघंन किया जा रहा है। रेत खदानों में ठेकेदार चैन माउंटेन मशीन के माध्यम से हाइवा लोडिंग कर रहे है । जबकि एनजीटी का स्पष्ट रूप से आदेश है कि रात में उत्खनन नहीं होगा। इसके अलावा रेत खदान में मशीन से उत्खनन प्रतिबंधित है। लेकिन करेली छोटी, गिरौद, हसदा, कुल्हाड़ीकोट, बोरसी, सरगी रेत खदान में ठेकेदार मशीन का उपयोग खुलकर उपयोग कर रहे है।
दिन -रात से हाइवा वाहनों से सप्लाई की जा रही है ।ठेकेदार महानदी व पैरी नदी सीना छल्ली करते हुए दिन रात चैन माउंटेन मशीन से हाइवा लोडिंग कर रहे है। नियम के तहत रेत घाट में 4 से 5 फिट तक खुदाई की जानी है । लेकिन रेत घाटों में 10 से 12 फिट तक गहराई हो चुकी है। गहराई करने से नदी में पानी निकल आया है। शिकायत के बावजूद खनिज विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।
इस सम्बंध में खनिज निरीक्षक खिलावन कुलार्य ने कहा रेत खदानो में मशीन का परमिशन नहीं है। रेत खदानों में जाकर देखता हूं। अगर मशीन से लोडिंग हो रहा है तो कार्यवाही की जावेगी ।