सरगुजा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित उनके सभी मंत्रीगण प्रदेश में धान खरीदी के प्रति संजीदा हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने धान खरीदी शुरू होने से पहले ही सख्त निर्देश जारी कर दिया था कि धान खरीदी को लेकर किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उनके सख्त निर्देश के बावजूद प्रदेश में धान खरीदी को लेकर लापरवाही बरतने का सिलसिला जारी है।
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यह मामला और भी ज्यादा संवेदनशील तब हो जाता है, जब प्रदेश के खाद्यमंत्री जो स्वयं बेहद संवेदनशील माने जाते हैं, उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र का है। विधानसभा सीतापुर के राधापुर धान खरीदी केंद्र में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से धान खरीदी हो रही है और बेबस आदिवासी किसान ठगे जा रहे हैं। यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि इस धान खरीदी केंद्र में आज भी परंपरागत तराजू का उपयोग किया जा रहा है, जबकि प्रदेशभर के सभी खरीदी केंद्रों में इलेक्ट्राॅनिक कांटा उपलब्ध है। इसका सीधा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
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राधापुर धान खरीदी केंद्र में धांधली का मामला यहीं खत्म नहीं होता। धान बेचने पहुंच रहे किसानों से प्रबंधन के द्वारा लेबर चार्ज के नाम पर प्रति बोरा 7 रुपए वसूल किया जा रहा है। जबकि प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों में लेबर चार्ज शासन को भुगतान करना है। ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों से लेबर चार्ज के नाम पर अतिरिक्त रुपए वसूल कर समिति प्रबंधन अपनी जेब गर्म करने में लगा हुआ है। इतने के बाद भी समिति प्रबंधक इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि धान खरीदी केंद्र में अनियमितता बरती जा रही है।