इंदौर। एसएएफ के ड्राइवर ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम की हत्या का खुलासा पुलिस ने 24 घंटे के भीतर कर दिया। हत्यारा कोई और नहीं उनकी खुद की नाबालिग बेटी और उसका प्रेमी डीजे उर्फ धनंजय यादव निवासी महावीर मार्ग गांधी नगर निकला। आरोपियों ने हत्या को अंजाम परिवार द्वारा मिलने से बंदिशें लगाना और मारपीट का बदलना लेने के लिए दिया था। हत्या के बाद आरोपी बाइक से रतलाम के रास्ते मंदसौर होते हुए राजस्थान भागने की फिराक में थे। पुलिस ने बाइक, हथियार और रुपए बरामद कर लिए हैं। हत्या के बाद इन्होंने खून साफ करने की कोशिश की थी। 1 लाख 19 हजार रुपए लेकर भाग गए थे।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा के अनुसार सूचना पर एरोड्रम के रुक्मणि नगर में पहुंचे तो वहां एसएएफ के ड्राइवर ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम की कमरे में रक्तरंजित लाश पड़ी थी। परिवार के सभी सदस्य घर पर थे, लेकिन नाबालिग बेटी गायब थी। पड़ताल के दौरान बेटी का पिता पर आरोप लगाते हुए एक पत्र भी मिला, जिसके बाद हत्याकांड का एक पूरा दृश्य सामने आ गया। इस पर पुलिस ने पांच टीमें गठित कीं। आरोपियों की तलाश में 200 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले और युवती और उनके प्रेमी से जुड़े करीब 50 लोगों से पूछताछ की।
पुलिस के अनुसार ज्योति प्रसाद बेटा-बेटी और पत्नी के साथ रहते थे, ज्योति प्रसाद के पिता बगल में ही रहते थे। रात में बेटा दादा-दादी के घर जाकर सो गया, जबकि तीन लोग अपने घर में सोए। घटना के बाद बेटी के लापता होने पर आस-पड़ोस में पूछा तो उसके बारे में कुछ जानकारी मिली। साथ ही पुलिसकर्मी का उसके प्रेमी धनंजय से विवाद का भी पता चला। घटना वाली सुबह 4 बजे धनंजय बकानुमा चाकू और एक दरांता लेकर ज्योति के घर पहुंचा था। जैसे ही लड़की ने दरवाजा खोला सबसे पहले धनंजय ने लड़की की मां पर हमला किया। इसके बाद उन्होंने आरक्षक पर वार किया। हत्या के बाद आलमारी से 1 लाख 19 हजार रुपए लेकर यहां से भाग निकले। राजस्थान पहुंचते इसके पहले पुलिस की चेकिंग से डरकर ये वापस मंदसौर तरफ से वापस लौटे और पुलिस ने इन्हें दबोच लिया।