रायपुर। छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या की जन्मस्थली को लेकर सियासी विवाद गहराने लगा है। पहले पूर्व मंत्री चंद्राकर ने इतिहास को झूठलाते हुए चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मस्थली नहीं होने की बात कही, तो अब चंद्राकर के दावे को मजबूत करने का प्रयास पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने किया है। उनके इस दावे को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने डाॅ0 रमन सिंह पर जोरदार पलटवार किया है।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपनी सफाई दी है, उन्होंने कौशल्या माता की जन्म भूमि को लेकर कहा है कि अजय चंद्राकर ज्ञानी व्यक्ति हैं, अध्ययन शील हैं, यदि किसी को शिकायत हो तो अजय चंद्राकर के साथ बैठ जाए। उनके पास सारे प्रमाण और तथ्य हैं। उनके पास पूरी जानकारी है और उन्होंने खुद कहा है कि कोई मुझसे बात कर ले। रमन सिंह ने कहा कि अजय चंद्राकर ने बहुत अध्ययन के बाद यह बात कही है।
बता दें कि माता कौशल्या की जन्मस्थली और राम गमन पथ को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि कौशल्या माता के मंदिर के नाम पर सरकार राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। अजय चंद्राकर ने कहा कि दस्तावेज और शोधकर्ताओं के अनुसार कौशल्या माता कोसला जनपद की कन्या थी और उत्तर कौशल के राजा से ब्याही गई थी।
अजय चंद्राकर ने कहा कि चंदखुरी में माता कौशल्या का केवल मंदिर ही है, उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राम गमन पथ को लेकर भी जो तथ्य पेश किए जा रहे हैं, वह गलत है, सरकार केवल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है, उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सरकार के पास में कोई इन दोनों से संबंधित दस्तावेज है, तो प्रस्तुत करें।
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अपने बयान में कहा कि कल तक डॉ रमन सिंह कहते थे कि माता कौशल्या का जन्म स्थान चंदखुरी है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मैं पूछना चाहता हूं कि पूर्व मुख्यमंत्री कहते थे वह सही है या अजय चंद्राकर कहते हैं वह सही है, वे तय कर लें । मरकाम के मुताबिक भाजपा नेता जो राम नाम से राजनीति करते थे उनके हाथों से यह मुद्दा छिन गया है इसलिए अब अनर्गल बातें कर रहे हैं।