दहेज का काला साया आज भी दुल्हनों के लिए किसी प्रेत से कम नहीं है। मानसिक तौर पर विकसित हो चुके इस समाज में आज भी दहेज के नाम पर प्रताड़ना निर्बाध गति से चल रहा है। इस कुरीति के खिलाफ तमाम तरह के कानून बने हुए हैं, लेकिन उसका खौफ दहेजलोभियों को जरा भी नहीं है। इसका ताजा उदाहरण यूपी से सामने आया है। जहां दहेज में कार न मिलने से बौखलाए बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के मुख्य पुजारी और उनके पुत्र ने परिजन के साथ मिलकर अपनी बहू को इतना मारा पीटा की वो अपनी सुधबुध खो बैठी। बहु को पीटकर घर से निकाल दिया। अब पीड़ित लड़की झांसी के समथर में अपने मायके में रह रही है। इस मामले की शिकायत करने पर समथर पुलिस ने तत्परता से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
समथर थाना क्षेत्र के मोहल्ला नईबस्ती निवासी यशोदानंदन सिरौठिया ने अपनी पुत्री इला का विवाह 18 फरवरी 2014 को वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर के मुख्य पुजारी सुरेश बिहारी गोस्वामी के पुत्र नितिन साबरिया गोस्वामी के साथ हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार वृंदावन के भोगला आश्रम से सम्पन्न किया था। अपनी सामर्थ्य के अनुसार उन्होंने ससुरालीजनों को नकद राशि एवं विभिन्न सामान भेंट किया था, लेकिन शादी के कुछ महीने बाद ही इला के ससुराल वाले उससे दहेज में बड़ी कार की मांग करने लगे।
तो जलाकर मार दिया जाएगा
जब इला और उसके पिता ने कार देने में असमर्थता जताई तो उसके पति नितिन साबरिया ने उसे बहुत पीटा, उसमे इला की सास लक्ष्मी और ससुर सुरेश ने भी सहयोग किया और इला को कमरे में बंदकर गंदी गंदी गालियां दी। बाद में इला की ननद जया मोहनी एवं बुआ सास उषा ने इला को करंट लगाने का प्रयास किया। इन दहेज दानवों का जब मन नही भरा तो बदहवास हालत में अपनी बहू इला को घर से अकेला निकाल दिया और कहा कि जब तक दहेज में कार नही ले आती तब तक इस घर मे कदम नही रखना और यदि आई तो जलाकर मार दिया जाएगा।
फिलहाल, इला अपने मायके समथर में अपने पिता के घर आकर रह रही है। वो इतनी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ित हो चुकी है कि अपनी सुधबुध खो बैठी है। इला ने मजबूरन जब पुलिस को आपबीती सुनाई तो समथर पुलिस ने इन सफेदपोश पुजारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।