देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 77.8 करोड़ डॉलर घटकर 578.568 अरब डाॅलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 4.525 अरब डॉलर बढ़कर 579.346 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई को छू गया था।
इसलिए आई गिरावट
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी आने के कारण मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज हुई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षावधि में एफसीए 1.042 अरब डॉलर घटकर 536.344 अरब डॉलर रह गईं। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती हैं।
36.012 अरब डॉलर रहा स्वर्ण भंडार
आंकड़ों के अनुसार चार दिसंबर को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 28.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 36.012 अरब डॉलर हो गया। देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार 30 लाख डॉलर की गिरावट के साथ 1.503 अरब डॉलर और आईएमएफ के पास जमा मुद्रा भंडार भी 1.6 करोड़ डॉलर घटकर 4.709 अरब डॉलर रह गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।