राजधानी भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की तबीयत शुक्रवार को रात में अचानक बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में आ रही दिक्कत के कारण एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया गया है। उनमें कोरोना संक्रमण से मिलते जुलते लक्षण भी पाए गए थे। शुक्रवार की रात राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती किया गया है। इस वजह से सांसद शनिवार को मुंबई की एक स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश नहीं हो पाईं। यह एक महीने में दूसरा मौका है, जब प्रज्ञा अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुईं।
राहत वाली बात ये रही कि उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्रज्ञा ठाकुर को फिलहाल एम्स के प्राइवेट वार्ड में रखा गया है। वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी रख रही है। वहीं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। आज एम्स प्रज्ञा ठाकुर का हेल्थ बुलेटिन जारी करेगा, जिसमें स्थिति और स्पष्ट हो पाएगी।
एम्स से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रज्ञा ठाकुर को सांस लेने में शुक्रवार रात करीब 10 बजे इमरजेंसी में लाया गया था। तब उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। सांसद का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ था। बताया जा रहा है कि दवा देने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और अब उनकी हालत स्थिर है। पल्मोनरी व कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। एम्स में उनकी कई तरह की जांच भी गई हैं।
एनआईए कोर्ट में देनी थी हाजिरी
मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में आरोपी भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शनिवार को मुंबई के एक स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश नहीं हुईं। यह एक महीने में दूसरा मौका है, जब प्रज्ञा अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुईं। ठाकुर के वकील ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसकी वजह से वह अदालत नहीं पहुंच सकीं। अदालत में पांच आरोपी मौजूद थे।
न्यायाधीश पीआर शित्रे ने दो अन्य आरोपियों की गैर मौजूदगी पर नाखुशी जाहिर की। अदालत ने इसके बाद सभी सातों आरोपियों को 4 जनवरी को पेश होने का निर्देश दिया। सांसद की तरफ से पेश वकील जेपी मिश्रा ने कहा, श्दिल्ली के एम्स में ठाकुर का अप्रैल से ही इलाज चल रहा है। वह वहां जांच के लिए गईं थीं और उनकी मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों के निर्देश पर शुक्रवार को उन्हें भर्ती होना पड़ा। ठाकुर के अलावा एक अन्य आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर अदालत में पेश नहीं हुआ।