रायपुर। अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के आकस्मिक निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। भूपेश बघेल ने कहा कि वे एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कांग्रेसजनों के पथ प्रदर्शक, मार्गदर्शक और परिवार के बुजुर्ग थे। उनका इस तरह से चले जाना बेहद पीड़ादायक है।
मुख्यमंत्री बघेल ने नम आंखों ने दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा के प्रति अगाध श्रद्धाभाव से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके स्नेह को शब्दों से बयान नहीं किया जा सकता। सीएम ने कहा कि एक दिन पहले ही उनका जन्मदिन था, लेकिन अहसास मात्र भी नहीं था कि आज वे कांग्रेस परिवार को इस तरह छोड़कर चले जाएंगे।
मैंने अपनी राजनीति का ककहरा जिन लोगों से सीखा उनमें बाबूजी एक थे।अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक वे हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक पथ प्रदर्शक थे।
ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस कठिन समय में दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति:
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 21, 2020
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा – मैंने अपनी राजनीति का ककहरा जिन लोगों से सीखा, उनमें बाबूजी एक थे। अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक वे हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक पथ प्रदर्शक थे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिवार को इस कठिन समय में दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।
बघेल ने कहा कि कल ही बाबूजी का 93 वां जन्मदिन मनाया गया, किसी ने कल्पना नहीं की थी कि आज ऐसी दुखद खबर सुनने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में श्री वोरा ने तत्कालीन छत्तीसगढ़ अंचल के चहुंमुखी विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने पत्रकारिता से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी। वर्ष 1968 में वे दुर्ग नगर निगम में पार्षद निर्वाचित हुए। वर्ष 1972 में वे पहली बार कांग्रेस से विधायक बने। इसके बाद 1977 और 1980 में भी विधायक निर्वाचित हुए। मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया। वे दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उत्तरप्रदेश के राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपने दायित्वों का निर्वहन किया।