Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: BREAKING : 15 साल बाद फिर गरमाया… आदिवासी मुख्यमंत्री का मामला… जुटे प्रदेश के आदिवासी नेता
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Breaking NewsGrand Newsछत्तीसगढ़राजनीति

BREAKING : 15 साल बाद फिर गरमाया… आदिवासी मुख्यमंत्री का मामला… जुटे प्रदेश के आदिवासी नेता

Desk
Last updated: 2020/12/21 at 7:34 PM
Desk
Share
3 Min Read
SHARE

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री का मुद्दा एकबार फिर गरमाने लगा है। भारतीय जनता पार्टी के आदिवासी नेताओं ने इस विषय को लेकर सालों बाद एकजुटता का परिचय दिया है। प्रदेश के पहले नेता प्रतिपक्ष और आदिवासी नेता डाॅ. नंदकुमार साय के निवास पर हुई आदिवासी नेताओं की गोपनीय अब सार्वजनिक हो गई है।

इस मामले में प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता डाॅ. नंदकुमार साय के साथ ही राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय का बड़ा बयान सामने आया है। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष और आदिवासी नेता विष्णुदेव साय शामिल नहीं हुए थे, इस बात को लेकर भी राजनीतिक कलह की बात सामने आ रही है।

- Advertisement -
Ad image

डाॅ0 नंदकुमार साय का इस मामले में कहना है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है और राज्य गठन के साथ ही आदिवासी नेतृत्व की मांग शुरू से होती रही है, लेकिन प्रदेश की जनता हर बार ठगी जाती रही। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी नेताओं की एकजुटता का पूरा प्रभाव नजर आएगा और भाजपा 2023 के चुनाव को दृष्टिगत करते हुए रणनीति बनाएगी, जिसमें साफतौर पर आदिवासी नेतृत्व को महत्व देने की बात रखी जाएगी।

तो दूसरी तरफ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें बैठक में शामिल होने का न्यौता मिला था, लेकिन किन्हीं कारणों से वे शामिल नहीं हो पाए। वहीं उनका यह भी कहना है कि प्रदेश में नेतृत्व कौन करेगा, इसका फैसला भाजपा में उच्च नेतृत्व का ही मान्य रहा है, लिहाजा इस विषय पर चर्चा पहले राष्ट्रीय नेतृत्व से होनी चाहिए, उसके बाद उनका जो भी निर्णय होगा वही माना जाएगा।

बहरहाल आदिवासी नेतृत्व को लेकर भाजपा में आवाज उठती रही है और हर बार प्रयास डाॅ0 नंदकुमार साय के द्वारा ही किया गया है, लेकिन एकजुटता की कमी की वजह से 15 सालों तक भाजपा की सरकार रहते हुए भी आदिवासी नेतृत्व को मौका नहीं मिला, जिसका मलाल आदिवासी नेताओं को अब भी है। वहीं प्रदेश में भाजपा को चौथी बार नेतृत्व नहीं मिल पाने की बड़ी वजह भी यही रही कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने चेहरों के बदलाव पर ध्यान नहीं दिया।

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article ट्रांसफर ब्रेकिंग : राज्य शासन ने किया… वन विभाग के आठ अफसरों का तबादला… देखिये जारी आदेश
Next Article नए साल में होंगे कुछ नए बदलाव… आपके लिए जानना जरुरी है ये 8 नियम
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

श्रावण मास में अमरकंटक पहुंचे सांसद बृजमोहन अग्रवाल, मां नर्मदा और भगवान भोलेनाथ की की पूजा-अर्चना
Grand News July 18, 2025
CG NEWS: रायगढ़ में रेस्टोरेंट संचालक से मारपीट के आरोपी अब तक बाहर, पीड़ित ने SP ऑफिस पहुंचकर लगाई इंसाफ की गुहार
Grand News छत्तीसगढ़ रायगढ़ July 18, 2025
CG NEWS: पुलिस परिवार के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, 198 हुए लाभान्वित
Grand News छत्तीसगढ़ रायगढ़ July 18, 2025
CG NEWS: सूरजपुर पुलिस ने 30 लाख कीमत के गुम हुए 120 मोबाईल बरामद कर संबंधित को सौंपा।
Grand News छत्तीसगढ़ सरगुजा July 18, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?