शासकीयकरण की मांग को लेकर सचियों ने खोला मोर्चा, 65 विधायकों का अनुशंसा पत्र के बावजूद भी नहीं लिया मांग पर निर्णय, 26 दिसंबर से जनपद मुख्यालय में काम बंद कर करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल की शुरुआत।
छत्तीसगढ़ में नई सरकार की दो साल के कार्यकाल पूर्ण होते ही प्रदेशभर के अलग-अलग संगठनों और संघ की नाराजगी सामने आ रही है। रोजगार सहायकों और अनियमित कर्मचारियों के आंदोलन अभी थमे ही नहीं है कि प्रदेशभर के पंचायत सचिवों ने सरकार के लिए मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आव्हान पर सचिवों ने सभी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। वहीं जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपकर अपनी एक सूत्रीय मांग से पुनः अवगत कराया है।
छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों ने शासकीयकरण किए जाने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया। वहीं राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर भी रायपुर जिला के सचिवों ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। आरंग ब्लाक से पहुंचे सचिव लाखेश्वर वर्मा ने बताया कि पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्यों का जमीनी स्तर पर ईमानदारी से निर्वहन करते हुए राज्य एवं केंद्र शासन के सभी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के संक्रमण रोकथाम में रात दिन ड्यूटी करते हुए कई कर्मचारियों की जान चली गई। ऐसे में मांग पूरी नहीं होने पर पंचायत सचिव 26 दिसंबर से जनपद मुख्यालय में काम बंद कलम बंद हड़ताल करते हुए ग्राम पंचायत के सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि संघ विगत 26 वर्षा से एक सूत्रीय मांग को लेकर संघर्षरत है, लेकिन इसके बाद भी अब तक पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत सचिव संघ के द्वारा शासकीयकरण की मांग को लेकर 65 विधायकों का अनुशंसा पत्र भी शासन को प्रेषित किया है। इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नही किया है। जिस वजह से नाराज प्रदेशभर के सचिवों ने सभी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया है। वहीं मांग जल्द पूरी नहीं होने पर 26 दिसम्बर से काम बंद कर अनिश्चित कालीन आंदोलन किया जाएगा।