रायपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता मोती लाला वोरा नहीं रहे। मोतीलाल वोरा उन नेताओं में से एक रहे है। जिनको कई राजनेता अपना गुरु मानते आए है। मोतीलाल वोरा का जन्म राजस्थान के एक ब्राम्हण परिवार में हुआ। कर्मभूमि अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ रहा। पत्रकारिता करते हुए पार्षद, फिर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री का सफर तय करना राजनितिक सूझबूझ के साथ एक दमदार नेता होने को दर्शाता है। मोतीलाल वोरा 93 साल की उम्र में आखरी सांस ली। दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
राजस्थान नागौर जिले में हुआ जन्म, खलने और किताब पढ़ने का शौक
वोरा जी राज्यसभा के सदस्य भी रहे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री पद भी संभाला। मोती लाल वोरा को कांग्रेस के सबसे भरोसेमंद सिपहसालारों के रूप में पहचाना जाता रहा। उनकी दिलचस्पी पत्रकारिता, राजनीति, फुटबॉल और वॉलीबॉल में रही। 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान नागौर जिले में हुआस लेकिन युवाव्सा में ही उनका परिवार मध्य प्रदेश के दुर्ग में जा बसा। वहीं पढ़ाई लिखाई कर पत्रकारिता और समाजसेवा करते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा और पहचान बनाई। मोती लाल वोरा को खेलों के साथ ही किताबें पढ़ने का भी शौक रहा।
1968 में कांग्रेस में हुए शामिल, फिर पार्षद से केंद्र तक किया सफर
मोतीलाल वोरा ने 1968 में कांग्रेस प्रवेश किया । इससे पहले वे दुर्ग नगर निगम में पार्षद चुने जा चुके थे। 1972 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजय हासिल की। इस दौरान मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया। इसके बाद मोतीलाल वोरा का राजनीतिक सफर तेजी से आगे बढ़ा और 13 मार्च 1985 को वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि फरवरी 1988 को इस पद से इस्तीफा दिया।
उनके इस्तीफे ने सबको चौंका दिया था। लेकिन जल्द ही उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद मिला। उन्हें स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।
राज्यपाल के रूप में देश को दी सेवाए
उन्होंने राज्यपाल के रूप में भी देश की सेवा की। वोरा जी को 16 मई 1993 को उत्तरप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इसके बाद वे 1998 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
वोरा जी कांग्रेसजनों में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा रही। वे पार्टी को कोषाध्यक्ष जैसे प्रतिष्ठित पद पर भी रहे।