नई दिल्ली। दुनियाभर के अलग-अलग देशों में भारतीय अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। बात चाहे चिकित्सा के क्षेत्र की हो, विज्ञान के क्षेत्र की, इंजीनियरिंग के क्षेत्र की या फिर प्रबंधन की, भारतीयों के हुनर, समर्पण और रचनात्मकता का पूरी दुनिया कायल है। ओईसीडी (आर्थिक सहयोग व विकास संगठन) द्वारा जारी डाटा के अनुसार, ओईसीडी देशों में 120 मिलियन प्रवासी रहते है। इसमें से 30 से 35 फीसदी काफी सुशिक्षित माने जाते हैं। इसका मतलब यह है कि उन्होंने कोई वोकेशनल या शैक्षिक ट्रेनिंग ले रखी है। इस मामले में भारतीय अव्वल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों ने रैंकिंग में मूल लोगों के साथ और अपने प्रवासियों की संख्या और उनकी हैसियत का जिक्र किया है। विशेष रूप से चीन, भारत, पोलैंड, रोमानिया और फिलीपींस के लोगों ने अन्य मुल्कों में शानदार तरक्की की है। यह रिपोर्ट भारत की कुशल एवं प्रशिक्षित कार्यबल को दर्शाती है।
ओईसीडी देशों में सुशिक्षित भारतीयों की संख्या करीब 3.12 मिलियन है। इन देशों के बेहतर तरीके से शिक्षित लोगों में भारतीयों का प्रतिशत करीब 65 है, जबकि चीन का प्रतिशत 48.6 है। चीन के करीब 2.25 मिलियन सुशिक्षित लोग ओईसीडी देशों में रहते हैं। इस मामले में फिलीपींस तीसरे नंबर पर आता है। फिलीपींस के 1.89 मिलियन लोग ओईसीडी देशों में काफी सुशिक्षित श्रेणी में आते हैं। फिलीपींस से हेल्थ केयर प्रोफेशनल बड़ी संख्या में ओईसीडी देशों में काम करते हैं। इनमें नर्सों की संख्या काफी अधिक है। कोरोना वायरस के बाद फिलीपींस ने अपनी प्रतिभाओं को देश छोड़ने से रोकने के लिए मुहिम चलाई थी। फिलीपींस से सबसे अधिक लोग अमेरिका जाते हैं। भारतीय और मैक्सिको के लोग ही फिलीपींस से आगे हैं। ब्रिटेन और जर्मनी इस मामले में क्रमश: चौथे और पांचवें नंबर पर आते हैं।
ओईसीडी देश
ओईसीडी (आर्थिक सहयोग व विकास संगठन) 37 सदस्य देशों का एक संगठन है, जिसमें यूरोप के देश, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान शामिल हैं। 1961 में स्थापित ओईसीडी का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। अधिकांश ओईसीडी सदस्य उच्च आय वर्ग अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिनका मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) बहुत उच्च हैं और विकसित देशों के रूप में माना जाता है। ओईसीडी अपने कार्यों का निष्पादन परिषद्, कार्यकारी समिति, सचिवालय तथा अनेक सहायक अंगों के माध्यम से करता है।