रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने धान की कस्टम मीलिंग को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की है। विपक्ष ने सरकार पर संग्रहण केंद्रों में धान के खराब होने का आरोप लगाया। इसे लेकर पक्ष और सत्ता पक्ष में जमकर हंगामा हुआ।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कस्टम मिलिंग पूरा होने के बाद ही जानकारी दी जा सकेगी। 15 साल तक आप की सरकार रही कितना धान खराब हुआ है आप बताएं। मंत्री के जवाब सुनने के बाद कस्टम मिलिंग में गड़बड़ी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। खाद्य मंत्री ने कहा- हमारी सरकार में 4,000 से अधिक सेड और चबूतरे बनाएं। बारिश से बचाव के लिए सरकार पूरे उपाय कर रही है। अधिकांश स्थानों पर चबूतरे और शेड की व्यवस्था की गई है।
कस्टम मिलिंग मामले पर मंत्री अमरजीत भगत ने आगे कहा कि पहले मिलर्स ने दस्तावेज जमा किए हैं। जहां गड़बड़ी हुई होगी वहां जांच करा ली जाएगी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह गम्भीर मामला है। सवाल जवाब के दौरान मंत्री अमरजीत भगत ने सदन में जांच कराए जाने की घोषणा की।
विपक्ष ने की जांच की मांग
धान की कस्टम मीलिंग मामले में मंत्री अमरजीत के बयान से असंतुष्ट धरमलाल कौशिक और बृजमोहन अग्रवाल ने जांच की मांग की। दोनों ने विधानसभा की कमेटी गठित कर जांच कराए जाने की मांग मंत्री से की। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष में काफी देर तक नोंकझोंक हुई। सरकार के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों ने वाकआउट कर दिया।
धान की कस्टम मिलिंग मामले में कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने कहा कि जिस राइस मिल में बिजली लाइसेंस ही नहीं है उसे कस्टम मिलिंग के लिए 2 लाख 40 हज़ार 998 टन धान मिलिंग के लिए दिया गया। दलेश्वर साहू ने खुद की मौजूदगी में जांच कराने की मांग की।
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