नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई शाखा के हाथ एक बार फिर कुछ नहीं लगा है। सुनी सुनाई बातों और अनुमानों के आधार पर हिंदी फिल्म जगत के बड़े सितारों को निशाना बना रही एनसीबी ऐसा क्यों कर रही है, फिल्म जगत में अब इस पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दोबारा पूछताछ के बाद भी एनसीबी के हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं लगा जिससे वह अर्जुन रामपाल के खिलाफ कोई केस बना सकें। अर्जुन ने तो यहां तक कह दिया है कि एनसीबी को शायद उनके नाम को लेकर गलतफहमी हो गई है।
अपनी फिल्मों ‘नेलपॉलिश’ और ‘बैटल ऑफ भीमा कोरेगांव’ के प्रचार के दौरान मीडिया के सवालों से बचते रहे 48 वर्षीय अर्जुन रामपाल ने एनसीबी के सारे सवालों के साफ साफ जवाब दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि इस पूछताछ के दौरान अर्जुन ने एक बार भी अपना धैर्य नहीं खोया और पूरे समय अपनी उन बातों पर डटे रहे जो वह पहली पूछताछ में ही एनसीबी को बता चुके थे।
इस बीच सामने ये आया है कि एनसीबी को ही अब इस मामले में सामने आए नाम ‘अर्जुन’ के अर्जुन रामपाल होने का पक्का यकीन नहीं है और ना ही उसके पास ऐसा कोई सबूत है जिससे अर्जुन रामपाल के ड्रग्स कारोबार में शामिल होने का सबूत मिलता हो। अर्जुन रामपाल के घर से मिली दवाइयों को लेकर जरूर एनसीबी आक्रामक रही है लेकिन अर्जुन का कहना है कि उनके घर से मिली दो दवाइयों में से एक उनके कुत्ते के लिए है और दूसरी उनकी बहन की है। दोनों दवाएं चिकित्सकों के पर्चों के आधार पर ही खरीदी गईं। कानून के मुताबिक इनमें से एक दवा बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं खरीदी जा सकती।
दीपिका पादुकोण, रकुलप्रीत सिंह, सारा अली खान जैसे तमाम बड़े सितारों के मामले में पहले ही अपनी भद्द पिटवा चुकी मुंबई एनसीबी की टीम की साख को अर्जुन रामपाल के घर पड़ा छापा बड़ा झटका है। इस छापे के दौरान घंटों एनसीबी ने कोना कोना छान मारा लेकिन नशे का कोई सामान वह यहां से बरामद नहीं कर सकी। सितारों की ब्रांडिंग देखने वाली कंपनी की मुखिया बताती हैं कि इन छापों के बाद से संबंधित सितारों की ब्रांड वैल्यू में गंभीर गिरावट देखने को मिली है। फिल्मजगत में चर्चा है कि इन छापों के पीछे असल वजह कुछ और भी हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक पूछताछ के दौरान अर्जुन ने एनसीबी से ये भी कहा कि उनकी महिला मित्र के भाई की चैट में जिस अर्जुन का जिक्र बताया जा रहा है. वह अर्जुन कोई दूसरा भी हो सकता है। अगीसिलाओस डीमेट्रियाडेस की जिस व्हाट्सऐप चैट के आधार पर ही एनसीबी ने अर्जुन के खिलाफ ये जांच शुरू की है, उस चैट में कहीं भी अर्जुन रामपाल के पूरे नाम का जिक्र ही नहीं है। अर्जुन रामपाल का मानना है कि ये अर्जुन कोई और है, वह नहीं। इस बारे में एनसीबी की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। अर्जुन मामले में एनसीबी के अधिकारी बात करने से भी कतरा रहे हैं।