रायपुर। राजधानी पुलिस का रवैया हर अलग मामले में अलग तरह का हो जाता है। खासतौर पर तेलीबांधा पुलिस अपराधिक प्रकरणों को अपने मुताबिक हैंडल करने के लिए इन दिनों खासी चर्चा में बनी हुई है। इसका ताजा उदाहरण सामने आया है, जहां एक दोपहिया सवार महिला को ठोकर मारकर फरार होने वाले कार चालक के खिलाफ एक तो घटना के पखवाड़ेभर बाद कार्रवाई की गई, उस पर उसे मुचलके पर छोड़ दिया गया, जबकि इस हादसे में महिला के बाएं कंधा बुरी तरह से चोटिल हो गया है, जिसे ठीक करने में करीब 3 माह का समय लगना तय है।
घटना दिनांक 9 दिसंबर दोपहर 12 बजे की है, जब महिला शिक्षिका पचपेड़ी नाका स्थित निवास से माना स्थित विकलांग स्कूल जाने के लिए निकली थी। इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार चालक ने उन्हें ठीक उद्योग भवन के सामने जोर की ठोकर मार दी। इस घटना के बाद कार चालक मौके से भाग निकला, जबकि महिला बुरी तरह से जख्मी हो गई। इस हादसे में शिक्षिका का बांया कांधा फ्रेक्चर हो गया है और आॅपरेशन करना पड़ा है।
इस मामले की शिकायत तत्काल तेलीबांधा थाने में दर्ज कराई गई, साथ ही उस कार का नंबर भी पुलिस को मुहैया कराया गया लेकिन 13 दिनों तक तेलीबांधा पुलिस केवल पीड़ित पक्ष को दिलासा मात्र देने के कुछ नहीं की। इस मामले में थानेदार विनीत दुबे से बार-बार संपर्क किया गया, पर उन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कभी भी रूचि नहीं दिखाई। तेलीबांधा पुलिस के इस उदासीन रवैये के खिलाफ जब उच्च अधिकारियों से बात की गई, तब जाकर आरोपी को हिरासत में लिये जाने की सूचना दी गई, लेकिन उसे तत्काल मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
आरोपी का साथ दे रही
इस मामले में एडिशनल एसपी सिटी से चर्चा करने के बाद उन्होंने थानेदार को तत्काल कार्रवाई के निर्देशित किया, इसके बावजूद हीला-हवाला किया गया। जब दूसरी बार एएसपी सिटी लखन पटले ने सख्त निर्देश जारी किया, तब जाकर तेलीबांधा पुलिस ने गिरफ्तारी दिखाई और फिर मुचलके पर रिहा भी कर दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि तेलीबांधा पुलिस आरोपी का साथ दे रही है।
तेलीबांधा पुलिस का यह रवैया किसी भी मायने में गले से नहीं उतरता, जबकि इस थाना क्षेत्र में राजधानी के सबसे ज्यादा व्यस्तम सड़कें शामिल हैं, जहां वाहनों का दबाव लगातार बना रहता है और आए दिन हादसे होते रहते हैं।