रायपुर। राज्य निर्माण के पहले से ही छत्तीसगढ़ कला, संस्कृति और परंपरागत नाचा मंच के लिए प्रख्यात रहा है, नाचा के जनक कहे जाने वाले दाऊ मंदराजी के खड़ेसाज नाचा की बात कहें या फिर सन 1965 में बनी फिल्म कहि देबे संदेश के बाद प्रदेश में बनि बहुतेरे फिल्मों की छत्तीसगढ़ कला, साहित्य और फिल्मों के लिए वरदानी प्रदेश है।
राज्य निर्माण के साथ ही प्रदेश में कहि देबे संदेश जैसी सफल फिल्म के साथ दूसरी पारी की शुरुआत के बाद से आज तक छत्तीसगढ़ी फिल्मों नें देश में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता पाई है, इसी सफलता को और मजबूत करने, फिल्मकारों और फिल्म से जुड़े सभी संवर्गों को साथ लेकर उनके हितों के लिए संगठित पंजीकृति संस्था छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन मूर्त रुप हुई है, जो छत्तीसगढ़ी फिल्मों को एक सफल मंच और कलाकारों के साथ फिल्म निर्माण से जुड़े सभी लोगों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करने वचनबद्ध है।
छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन के निर्माण के मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सिनेमा को प्रगति देने के साथ दूरदर्शन छत्तीसगढ़ में 24 घंटे छत्तीसगढ़ी फिल्म, एपिसोड्स व अन्य सांस्कृतिक, मनोरंजक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए एक सफल प्रयास करना है, राज्य शासन के साथ विमर्श कर व प्रदेश के अन्य कला संगठनों के साथ सामंजस्व और मार्गदर्शन से प्रादेशिक सिनेमा और छत्तीसगढ़ी साहित्य सृजन को सिनेमाई रुप रंग के साथ उसमें मनोरंजन का तड़का लगाकर पेश करने और छत्तीसगढ़ी सिनेमा को उद्योग के रुप में विकसित करने के प्रयास के साथ ही फिल्म निर्माण से जुड़े मेनपॉवर को स्थाई रोजगार के लिए फिल्मों के निर्माण व अन्य कलात्मक एपिसोड़ के साथ प्रदेश के सभी उम्र वर्ग के लोगों के लिए स्वच्छ मनोरंजन तैयार करना छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन का लक्ष्य है।
छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए दूरदर्शन छत्तीसगढ़ में 24 घंटे प्रसारण के लिए करेंगे सफल प्रयास: छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन
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