पटवारी की एक गलती ने किसान के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा कर दिया है।अंबिकापुर में किसान ने सोसायटी से कर्ज लेकर फसल बोई थी। लेकिन जब वो अपने धान को बेचने समिति पहुंचा तो उसे पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। देश मे जहाँ किसान आंदोलनरत है तो दूसरी तरफ किसान अपने फसल को बेचने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है । दरअसल मामला सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत ईरगवा का है। जहां पटवारी की लापरवाही से सोमार साय किसान को मृत घोषित कर दिया गया। इसकी जानकारी सोमार साय को उस वक्त लगी जब वो अपने धान को बेचने के लिए टोकन कटवाने गया था । यहां उप केंद्र अमलभिट्ठी समिति केंद्र के प्रबंधक ने बताया सोमार साय का नाम लिस्ट में नही है। इसकी जानकारी लगते ही किसान अपने दस्तावेज लेकर चांदो धान समिति केंद्र पहुंचा। यहां भी समिति प्रबंधक ने साफ्टवेयर में नाम नहीं होना बताया। किसान अपने धान को बेचने के लिए चिंतित नजर आ रहा है.. तो वही इस किसान ने इस समिति केंद्र से 13 हजार का ऋण भी लिया है..लेकिन किसान का कोई सुनने वाला नही है..सॉफ्टवेयर में नाम नहीं होने से किसान अब दफ्तर के चक्कर काट रहा है। क्योंकि उसके सिर पर जो कर्ज है वो धान बेचने के बाद ही चुक सकता है। ऐसे में यदि किसान अपना धान नहीं बेच पाया तो आने वाले दिनों में कर्ज का बोझ उसके लिए चिंता का सबब बन जाएगा।