अलीगढ़ के पूर्व सांसद प्रोफेसर जमाल ख्वाजा (92) का बृहस्पतिवार की रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। शुक्रवार को पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा द्वितीय लोकसभा के जीवित सदस्यों में से एक थे।
ख्वाजा 1957 में अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुये थे और 1960 में अफगानिस्तान गये भारतीय सांस्कृतिक प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख थे। 1962 में सक्रिय राजनीति से दूर होकर उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अपने शैक्षिक जीवन को पुन: शुरू किया।
इसके पहले 1953 में एएमयू में दर्शन शास्त्र विभाग में बतौर शिक्षक उन्होंने अपनी शुरुआत की थी। वर्ष 1969 में उन्होंने मलेशिया में अन्तर्राष्ट्रीय इस्लामिक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। एएमयू में वह 1980 में कला संकाय के संकायाध्यक्ष (डीन) भी रहे। इस्लामी दर्शन पर एक दर्जन से ज्यादा उनकी पुस्तकें हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शिक्षाविदों के परिवार से आने वाले प्रोफेसर जमाल ख्वाजा के पिता प्रसिद्ध गाँधीवादी स्वतंत्रा संग्राम सेनानी अब्दुल मजीद ख्वाजा थे।