ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन ने ना केवल विश्व को चिंता में डाल दिया है, बल्कि इसका प्रसार भी होने लगा है। जिसकी वजह से दुनिया के कई देशों ने एक बार फिर लाॅक डाउन का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन में यह तेजी से बढ़ रहा है, तो यूके से दूसरे देशों में गए लोगों की वजह से नए स्ट्रेन वालों का मिलना परेशानी का सबब बन गया है।
हालात को देखते हुए स्पेन में मार्च 2021 तक आपातकाल घोषित कर दिया गया है और लाॅक डाउन किया गया है। ब्रिटेन, जहां कोरोना का यह नया स्ट्रेन मिला है ने भी एक माह के लिए लाॅक डाउन की घोषणा कर दी है, तो दुनिया के तमाम देशों ने अपनी उड़ानें निरस्त कर दी है। वहीं जर्मनी में 4 सप्ताह, फ्रांस में 2 सप्ताह का लाॅक डाउन लगा दिया गया है। इस राह पर इटली भी है, जहां जल्द लाॅक डाउन की घोषणा की जा सकती है।
वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ब्रिटेन से आए सभी लोगों को अपनी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दिए जाने की अपील की है, ताकि कोरोना के इस नए स्ट्रेन के प्रसार को जहां का तहां रोका जा सके। लेकिन देखा जा रहा है कि लोग भारत पहुंचते ही मोबाइल बंद कर रहे हैं, जबकि इससे परेशानी बढ़ सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को अनलाॅक किए जाने के साथ ही यह कहा कि दोबारा देश को लाॅक डाउन करने की नौबत ना आए, इसकी जिम्मेदारी देश की जनता की है, लेकिन इस तरह की लापरवाही बरती गई, तो सरकार को सख्त निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
भारतीय मूल के डाॅक्टर दिनेश पुरोहित, जो अमेरिका के ह्यूस्टन में प्रैक्टिस करते हैं, के मुताबिक यह नया स्ट्रेन कोविड-19 के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा घात क है। भले ही इससे संक्रमित होने वालों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन यह जो दूसरी बीमारियां शरीर के भीतर छोड़ जाएगा, उससे बच पाना इंसान के लिए आसान नहीं होगा।
बहरहाल कोविड-19 का दूसरा स्ट्रेन भारत में पांव ना पसारे, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि कोरोना से बचाव के लिए जिन दिशा-निर्देशों का पालन लाॅक डाउन में किया था, उसका पूरा पालन करें।