यह सप्ताह हमारे फॉलोअर्स के लिए सबसे संतोषजनक सप्ताह था। बाजार के पिछले मूल्यांकन से आगे बढ़ने से पहले हमें यह चर्चा करनी चाहिए कि सोमवार को सेंसेक्स 2300 अंक तक क्यों गिर गया और फिर अगले 3 दिनों में लगभग पूरी रिकवरी हो गई। सेंसेक्स में गिरावट उस समय आई, जब यूके ने कोरोना वायरस के एक नए प्रकार की घोषणा की, जो उनके अनुसार बहुत तेजी से फैलता है। इस घोषणा का समय जान-बूझ कर यह चुना गया, क्योंकि हमारा मानना है कि यह घोषणा क्रिसमस और न्यू ईयर पर लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के उद्देश्य से की गई।
लोगों को घूमने से रोकने का कोई और तरीका नहीं था। इसका अंदाजा उनके खुद के बयान से भी लगाया जा सकता है, जिसके अनुसार कोरोना वायरस का यह नया प्रकार सितंबर से मौजूदा है, लेकिन अभी पता चला। इससे यूरोपियन बाजार 2 से 3 फीसद तक गिर गए थे और इसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। भारतीय बाजार में 300-400 अंक की गिरावट थी, जो कि सामान्य बात है। दोपहर 11.45 से 12 बजे के आसपास NSE में कुछ तकनीकी गड़बड़ भी थी, जिससे सभी पेंडिंग ऑर्डर्स रद्द कर दिए गए थे। इसमें स्टॉप लॉस ऑर्डर भी शामिल हैं।
किसी ने (ऑपरेटर) मौके को भांपते हुए जोरदार प्रहार किया, जिसके प्रभाव से सेंसेक्स एक समय में 2300 अंक तक गिर गया, फिर एक बार 1000 अंक की गिरावट तक आया और अंत में 1500 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। पिछले दिनों का ट्रेंड यह है कि DII ने हर दिन 2000 करोड़ (+- 200/300 करोड़) की बिकवाली की और FPI ने 2000, 3000 और 4000 करोड़ रुपये की खरीदारी जारी रखी। यह चलन इस खास दिन नहीं देखा गया।
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 300 करोड़ की बिकवाली की और डीआईआई ने बदलाव लाते हुए 400 करोड़ की खरीदारी की। इस तरह प्रभावी खरीदारी 100 करोड़ की रही थी। सामान्य रेंज भी 300 से 1200 करोड़ रुपये है। वहीं, आमतौर पर पेंडिंग ऑर्डर और स्टॉप लॉस ऑर्डर खरीद की गहराई को कम करते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो अगर किसी को सेंसेक्स 2300 या निफ्टी को 500 अंक तोड़ना है, तो उसे कम से कम 3000 करोड़ रुपए का सामान बेचना होगा, जो गायब था और इस गायब लिंक ने हमें विश्वास दिलाया कि यह तोड़फोड़ थी।
निम्नलिखित कारकों का सुझाव है कि बाजार अभी भी अच्छी गति में है।
1. पीई रेश्यो 27.36 पर है, जो अभी भी खतरनाक नहीं है।
2. मार्केट कैप टू जीडीपी 90 फीसद पर है, जो कंफर्टेबल है।
3. FPI अब तक 29.6 बिलियन डॉलर निवेश कर चुके हैं और 30 से 50 बिलियन डॉलर की और उम्मीद है।
4. तीन लाख करोड़ डॉलर क्यूई आ चुका है। 2.4 लाख करोड़ डॉलर क्यूई की घोषणा हो चुकी है। यह निवेश को बढ़ाएगा।
5. खूब रिफॉर्म्स हो रहे हैं।
6. कमोडिटी चक्र अपने श्रेष्ठ रूप में है और हर दिन नए उच्च स्तर को छू रहा है।
7. डिमांड आउटस्ट्रिपिंग कैपेसिटीज मूल्य और मात्रा दोनों में वृद्धि बता रही है, जिससे तीसरी और तौथी तिमाही की कमाई पर उत्कृष्ठ प्रभाव पड़ेगा।
8. जब पश्चिम नए कोरोना वायरस से चिंतित है, तब पूर्व के देश स्थिति से निपटने के लिए सहज हो रहे हैं।
9. बजट 2021 से आशाएं
लेकिन इन सब के साथ एक कड़ी चेतावनी भी है। कृपया मौलिक रूप से कमजोर संचालक संचालित शेयरों से बचें। आपको यहां बाहर निकलने का मौका नहीं मिलेगा।