भोपाल के चिरायु अस्पताल में 100 साल से के चिरायु अस्पताल में भर्ती 100 से अधिक उम्र की महिला शिवा देवी श्रीवास्तव ने कोरोना को मात देकर सकुशल आज अपने घर ग्वालियर लौट गईं। चिरायु अस्पताल में कोविड-19 के इलाज में जुटे डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया। तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। चिरायु अस्पताल में 100 साल से ज्यादा उम्र के पेशेंट का कोरोना को मात देने का पहला मामला है। इसकी पुष्टि खुद अस्पताल प्रबंधन ने की है।
बुजुर्ग का इलाज डॉ. अनिकेत गोयनका और उनकी टीम ने किया। डॉ. गोयनका से उम्र की पुष्टि के बारे में पूछा गया तो बोले- मैंने दादी से पूछा था कि आप गांधी जी या नेहरू जी को जानती हैं तो उनका जवाब था कि वह जार्ज पंचम को जानती हैं, गांधी-नेहरू तो उसके बाद के हैं। दादी ने खुद कहा था कि वह 116 साल की हैं।
ग्वालियर की इस बुजुर्ग महिला शिवा देवी के साथ उनके बेटे रेवा श्रीवास्तव को भी डिस्चार्ज कर दिया गया। अब भी उनके एक और बेटे शिवनारायण श्रीवास्तव कोविड वार्ड में भर्ती हैं। मां और दो बेटों को 12 दिसंबर को चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां भर्ती होने के बाद 14वें दिन आज उन्होंने कोरोना को मात दे दी। अस्पताल से बाहर आने पर उनसे पूछा गया कि अब वह कैसा महसूस कर रही हैं तो बोलीं- सब ठीक है, मैं ठीक हो गई हूं।
जब उनसे पूछा गया कि वह लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि सभी को आशीर्वाद है, सब कोरोना से ठीक हो जाएं। उनके बेटे 80 वर्षीय रेवा श्रीवास्तव ने अस्पताल प्रबंधन का आभार जताया।
बुजुर्ग शिवा देवी का इलाज करने वाले डॉ. अनिकेत गोयनका ने भास्कर को बताया कि 12 दिसंबर को जब वह अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो उनका निमोनिया दूसरे स्टेज (मॉडरेट निमोनिया) में पहुंच गया था। बाथरूम तक जाना मुश्किल था। बातचीत में सांस फूलने लगती थी। इसलिए पहले दिन से ही उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया था। धीरे-धीरे वह ठीक होने लगीं और तय समय में उन्होंने कोरोना को हरा दिया। अच्छी बात ये थी कि उन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी।