नई दिल्ली। ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के बाद अब अफ्रीकी देश नाइजीरिया में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन पाया गया है। गुरुवार को अफ्रीका के शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना का यह नया स्ट्रेन नाइजीरिया के लोगों में पाया गया है। इस स्ट्रेन को लेकर अधिक जानकारी जुटाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम जांच कर रही है। बुधवार को ही ब्रिटेन में दक्षिण अफ्रीका से आए दो यात्रियों में कोरोना का एक नया स्ट्रेन मिला था। इस नए स्ट्रेन को ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री ने 70 फीसदी और संक्रामक बताया था।
अफ्रीका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख जॉन नेकेंगसॉन्ग ने नाइजीरिया के इस नए स्ट्रेन के बारे में कहा कि यह यूके और दक्षिण अफ्रीका से एक अलग प्रकृति का है। इस स्ट्रेन की जांच नाइजीरिया सीडीसी और अफ्रीकी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर जीनोमिक्स ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के वैज्ञानिक कर रहे हैं। उन्होंने वायरस के इस प्रकृति की जांच के लिए और समय की मांग की।
डॉ नेकेंगसॉन्ग ने बताया कि टीकों पर नाइजीरियाई वेरिएंट का संभावित प्रभाव अभी तक अस्पष्ट है। एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 3 अगस्त और 9 अक्टूबर के बीच दक्षिणी ओसुन राज्य में लागोस के उत्तर में 100 मील की दूरी पर एकत्र किए गए दो रोगियों के नमूनों में कोरोना वायरस का यह नाइजीरियाई वैरियंट पाया गया था। कोरोना वायरस के इस वैरियंट को P681H नाम दिया गया है।
बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन दो या तीन जेनेटिक सीक्वेंस पर आधारित है। पिछले हफ्ते के अंत में दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट भी जारी किया था। पूरे महाद्वीप में संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखने के बाद अफ्रीकी सीडीसी ने एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में कोरोना के नए स्ट्रेन के अलावा महाद्वीप में वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर चर्चा की जाएगी।