कभी चांउर वाले बाबा के नाम से ख्याति पाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह पर अब गरीबों का चावल खाने का आरोप लग गया है। यह आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगाया है। इस गंभीर आरोप के पीछे कारण गोबर है। हालांकि यह बेहद अचरज का विषय है कि आखिर चावल और गोबर का क्या मेल या संबंध हो सकता है, लेकिन यह वास्तविकता है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने गोधन न्याय योजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसा था और कहा कि बिहार में चारा घोटाले की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में गोबर घोटाला फूटेगा। इसी आरोप पर पलटवार करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि रमन सिंह जी ने असल में गरीबों का चावल खाया हैं वह पच नहीं पा रहा है और इसी कारण से बार-बार वह इस प्रकार की बात कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने विधानसभा में कहा था रमन सिंहजी आपको नरवा घुरवा गरुवा बारी समझ में नहीं आएगा क्योंकि उनको स्काई वॉक, एक्सप्रेस वे, नया राजधानी है, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग है, वह समझ में आता है। यहां के गरीब किसान मजदूरों की बात उनके समझ में नहीं आती है।
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ की सरकार पशु पालकों से गोबर खरीदती है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें ऑनलाइन पेमेंट की जाती है और समितियों के माध्यम से काम होता है। सब कुछ पारदर्शी है। इसमें भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता और रमन सिंहजी यह बताएं उनके कार्यकाल में वर्मी कंपोस्ट कितना तैयार हुआ? प्रदेश में हमारे कार्यकाल में अभी तक 32 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की गई है। 8 हजार क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट बनाया गया है।