रायपुर। राजधानी के ऐतिहासिक बंगलों में से एक सागौन बंगला जल्द ही जमींदोज कर दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने इसका मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। यहां पर व्यावसायिक परिसर बनाए जाने की योजना है, जिस पर सरकार की हरी झंडी मिलने का इंतजार हो रहा है। इसकी रूपरेखा पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय को भेजी गई है, जिस पर मुख्यमंत्री से चर्चा शेष है।
राज्य निर्माण के बाद बंगलों के आवंटन में काफी उठा-पटक किया गया था। प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के सत्ता में आते ही पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए बंगला तलाश गया। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री की सिफारिश पर उन्हें सागौन बंगला आवंटित किया गया था। अब उनके निधन के पश्चात इस बंगले को जमींदोज किए जाने की योजना तैयार हो चुकी है।
जोगी परिवार का अभी भी कब्जा
पीडब्ल्यूडी के जानकार सूत्रों ने बताया कि कोरोना काल में सरकारी संपत्ति का उपयोग आमदनी के लिए करने का पहला प्रयोग राजधानी रायपुर से शुरू किया जा रहा है। कटोरा तालाब और सिविल लाइन के बीच की बेशकीमती छह एकड़ से अधिक सरकारी जमीन पर जल्द ही कामर्शियल और रेसिडेंशियल काम्प्लेक्स बनाने का काम शुरू होगा। इसी जमीन पर सागौन बंगला है जो स्व. अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी व बेटे अमित जोगी का 17 साल से निवास स्थान है।
सरकार ने ही लिया निर्णय
विभागीय सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जीवित रहते तक सरकारी अमले ने सागौन बंगले को इस मास्टर प्लान से अलग रखा था। केवल बंगले से लगे पीडब्ल्यूडी के संभागीय कार्यपालन यंत्री दफ्तर और पुराने क्वार्टर को तोड़ने की योजना बनी थी। जोगी के निधन के बाद सागौन बंगले को भी इस योजना में शामिल किया गया। हालांकि इस संबंध में कोई भी जिम्मेदार अफसर अधिकृत तौर पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यह सरकार का फैसला है।