भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल द्वारा बनाए गए रिव्यू सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। सोमवार के मेलबर्न टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ के आउट होने तरीके को लेकर उन्होंने रिव्यू सिस्टम में बनाए गए अंपायर्स कॉल के नियम पर विचार करने की बात कही।
मुझे लगता है स्टीव स्मिथ का आउट होना यह बताता है कि अगर गेंद विकेट के किनारे पर भी लगती है तो भी इसकी रफ्तार इतनी होती है कि गिल्लियों को गिराएंगी। अगर आप लेग बिफोर की अपील करते हैं और गेंद विकेट के उपरी छोर पर जाकर टकराती है तो अगर स्पिनर की भी गेंद तो भी गिल्लियां गिर जाएंगी।
ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज स्मिथ मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन जसप्रीत बुमराह की गेंद पर बोल्ड होकर वापस लौटे। वह गेंद को लेग साइड में खेलना चाहते थे लेकिन गेंद स्टंप के उपरी छोर पर जाकर लगी। गिल्लियां गिरने के बाद भी टीवी अंपायर ने इसे दोबारा से चेक किया। गेंद ने विकेट के उपरी छोर के छुआ था और गिल्ली गिर गई अगर ऐसा नहीं होता और गेंद पैड से टकराती तो उनके खिलाफ LBW की अपील की जाती।
अब अगर फील्ड अंपायर ने इसे नॉट आउट दे दिया होता यह सोचकर कि गेंद विकेट के उपर से निकल जाएगी तो रिव्यू में टीवी अंपायर भी इसे नॉट आउट ही देते क्योंकि यह अंपायर्स कॉल में आता। गावस्कर ने इसी बात पर जोर दिया कि अगर गेंद के विकेट से टकराने पर गिल्ली गिरती है तो अंपायर्स कॉल होने पर उसे नॉट आउट क्यों दिया जाना चाहिए।
हालांकि उनका यह भी कहना था कि हर एक ऐसी अपील को अगर आउट दिया जाने लगा तो फिर मैच बहुत जल्दी ही खत्म हो जाएगा। गावस्कर ने कहा, अगर हर एक चीज पर आउट दिया जाने लगा तो फिर हमें वाकई में काफी छोटा मैच देखने को मिलेगा।
रिव्यू पर दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी अपना बात रखी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, खिलाड़ी रिव्यू लेने का फैसला करते हैं क्योंकि वह मैदान पर अंपायर के लिए गए फैसले से नाखुश होते हैं। डीआरएस को आईसीसी द्वारा एक बार से देखने की जरूरत है खासकर अंपायर्स कॉल को।