बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मस्तूरी क्षेत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर ने पिता की जान ले ली। और अब बेटा न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। इलाज के नाम पर लगाए गए इंजेक्शन और दी गई दवाइयां प्राण घातक साबित हुए। लेकिन पुलिस और प्रशासन झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही हैं।
एसपी कार्यालय के बाहर खड़ा युवक यहां शिकायत करने पहुंचा है, झोलाछाप डॉक्टर बंगाली के खिलाफ। शिकायतकर्ता धनंजय कुमार श्रीवास की माने तो उसके पिता महेंद्र पाल श्रीवास सामान्य दिनों की तरह बीमार थे। उन्होंने अपने ही क्षेत्र में रहने वाले एक झोलाछाप डॉक्टर जिसे बंगाली डॉक्टर भी कहते हैं, के पास इलाज के लिए पहुंचा और झोलाछाप डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगा दिया और कुछ दवाइयां दे दी। 2 दिन के भीतर इन दवाइयों के रिएक्शन की वजह से महेंद्र पाल श्रीवास की मौत हो गई। और अब उनका बेटा धनंजय श्रीवास झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर मस्तूरी थाने फिर एसपी ऑफिस और कभी स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काट रहा है। धनंजय कुमार श्रीवास ने बताया कि किस तरह से एक झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस और प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है, जिसकी वजह से शिकायत करने के बावजूद ना तो स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और ना ही पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। हालांकि धनंजय को उम्मीद है कि उसके इन प्रयासों से झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक जरुर बंद हो जाएगा। ताकि किसी और को यूं जान न गवानी पड़े।