नक्सली दंपती ने बुधवार को तेलंगाना में सरेंडर कर दिया। दोनों छत्तीसगढ़ में बीजापुर के रहने वाले हैं। सरेंडर के बाद दंपती ने कहा कि नक्सलियों ने उन्हें धोखा दिया। वह उनकी बातों में आकर संगठन से जुड़े थे। उन्हें लगा था कि CPI माओवादी कुछ अच्छा करेगी, लेकिन ये विकास विरोधी हैं। सरकार ने जब भी विकास का प्रस्ताव किया, ये विरोध में खड़े हो गए। विकास कार्यों को बर्बाद कर दिया।
वारंगल पुलिस कमिश्नर पी. प्रमोद कुमार के सामने नक्सली दंपती ने सरेंडर किया है। अन्नाराम, बीजापुर निवासी यमल नरेंद्र उर्फ संपत तेलंगाना की वाजेदु वेंकटपुरम एरिया कमेटी का कमांडर, तेलंगाना स्टेट कमेटी का कम्युनिकेशन इन-चार्ज और एक्शन टीम कमांडर का भी सदस्य है। जबकि उसकी पत्नी पोडियम देवी नक्सली संचार विभाग में सदस्य के रूप में काम कर रही थी।
कोमुर्या कोमुरैय्या के भाषणों से प्रभावित होकर 17 साल की उम्र में बना था नक्सली
नरेंद्र उर्फ संपत 2005 में नक्सली नेता कोमुर्या कोमुरैय्या के भाषणों से प्रभावित हुआ। इसके बाद 17 साल की उम्र में नक्सलियों के गुरिल्ला स्क्वॉयड में भर्ती हो गया था। साल 2010 तक ओडिशा और आंध्र के बार्डर पर सक्रिय रहा। फिर इसके बाद उसे वॉकी-टॉकी तैयार करने और फिर नक्सलियों की केंद्रीय समिति का सदस्य बनाया गया था। इसके बाद उसे तेलंगाना में नक्सलियों के संचार की जिम्मेदारी सौंपी गई।
दमोह में पुलिसकर्मियों की हत्या, छत्तीसगढ़ में फायरिंग में शामिल रहा
नरेंद्र के खिलाफ छह से अधिक मामले दर्ज हैं। 2007 में छत्तीसगढ़ में और 2009 में दमोह इलाके में फायरिंग की थी। इस दौरान चार पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। 2012 में कर्णपल्ली और छत्तीसगढ़ में एर्रेली वन क्षेत्र में फायरिंग में शामिल था। जवानों को निशाना बनाने के लिए 2017 में चित्तूर क्षेत्र में बारूदी सुरंग विस्फोट भी किया। दो साल पहले ही नरेंद्र का परिचय गांव में मजदूरी कर रही पोडियम से हुआ।