नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यूके से इंटरनेशनल फ्लाइट सर्विस दोबारा शुरू करने पर विचार विमर्श किया और 8 जनवरी 2021 से सीमित संख्या में फ्लाइट कनेक्टिविटी शुरू करने का फैसला किया. दोबारा यूके फ्लाइट सर्विस पहले सिर्फ चार शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद से शुरू होंगी.
ब्रिटेन में कोरोना के नए वेरियंट के चलते 8 जनवरी से ब्रिटेन से भारत और भारत से ब्रिटेन की उड़ानों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एसओपी जारी किया. ये स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर 30 जनवरी 2021 (23:59 बजे IST) तक या अगले आदेश तक मान्य होगा.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) योग्य एयरलाइनों को भारत और यूके के बीच सीमित उड़ान संचालन के लिए आवश्यक अनुमति जारी करेगा. DGCA पर्याप्त अंतर सुनिश्चित करेगा. प्रोटोकॉल के दौरान किसी भी भीड़ से बचने के लिए भारतीय हवाई अड्डों पर इंतजाम किया जाएगा. DGCA यह भी सख्त निगरानी करेगा कि एयरलाइन किसी भी यात्री को यूके से भारत में तीसरे देश के ट्रांजिट हवाई अड्डे के माध्यम से यात्रा करने की अनुमति न दें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसमें कोई चूक नहीं है.
सभी इंटरनेशनल यात्रियों को पिछले 14 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री बतानी होगी और Covid-19 स्क्रीनिंग के दौरान सेल्फ डिक्लेरेशन फ़ॉर्म भरना होगा.
यूके से 8 से 30 जनवरी के बीच आनेवाले यात्रियों को
-सभी यात्रियों को ऑनलाइन पोर्टल पर सेल्फ डिक्लेरेशन फ़ॉर्म भर कर (www.newdelhiairport.in) निर्धारित यात्रा से कम से कम 72 घंटे पहले देना होगा.
– U.K से आने वाले सभी यात्रियों को नेगेटिव RT-PCR टेस्ट देना होगा. यात्रा शुरू करने के 72 घंटों में टेस्ट कराना होगा और इसकी रिपोर्ट देनी होगी. साथ ही में इसे भी ऑनलाइन पोर्टल (Www.newdelhiairport.in)पर अपलोड किया जाएगा.
– एयरलाइंस फ्लाइट में चढ़ने वाले यात्री को अनुमति देने से पहले नेगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
– संबंधित एयरलाइंस यह सुनिश्चित करेगी कि चेक-इन से पहले यात्री को समझाया जाए इस SOP के बारे में विशेष रूप से इस SOP की धारा 3, उप-धारा (vi).
– सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यूके से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से संबंधित भारतीय हवाई अड्डों पर आगमन पर भुगतान कर आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा.
– आरटी-पीसीआर परीक्षण के साथ-साथ परीक्षण के लिए इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था और आइसोलेशन की सुविधा होगी.
– संबंधित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से एयरपोर्ट पर SOP के पालन के लिए हेल्प डेस्क की सुविधा उपलब्ध करेंगे.
-अगर कोई यात्री पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में अलग से राज्य स्वास्थ्य अथॉरिटी रखेगी. इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी. वहीं पॉजिटिव पाए गए यात्री का जिनोम सीक्वेंसिंग लिए सैंपल भेजा जाएगा.
-अगर यात्री के जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट में यह पाया जाता है कि वह यूके के नए स्ट्रेन से पॉजिटिव नहीं है तो मौजूदा ट्रीटमेंट प्रोटोकोल के तहत होम आइसोलेशन या ट्रीटमेंट फैसिलिटी में भेज कर इलाज किया जाएगा. अगर यह पाया जाता है कि संक्रमित व्यक्ति यूके के नए कोर्णाक रेन से संक्रमित है तो आइसोलेशन में ही रहेगा. इस दौरान मौजूदा ट्रीटमेंट प्रोटोकोल के तहत इलाज जारी रहेगा. वही 14 दिनों बाद संक्रमित व्यक्ति का दोबारा से टेस्ट किया जाएगा. नेगेटिव पाए जाने पर ही आइसोलेशन फैसिलिटी से जाने दिया जाएगा.
-जिन यात्रियों की एयरपोर्ट पर किए गए RT-pcr की रिपोर्ट नेगेटिव आती है उन्हें भी सलाह दी जाएगी कि वह 14 दिन तक होम कोरेंटिन में रहें.
-यूके से दिल्ली मुंबई बेंगलुरु हैदराबाद और चेन्नई हवाई अड्डे पर आए यात्रियों की जानकारी ब्यूरो आफ इमीग्रेशन राज्य सरकार और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम को देगी, ताकि आए हुए यात्रियों की जानकारी सर्विलांस टीम के पास रहे. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन द्वारा यह डेटा AIR SUVIDHA ’पर उपलब्ध ऑनलाइन सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म द्वारा पूरक होगा.
-8 से 30 जनवरी 2021 के बीच में यूके से यात्रा कर पहुंचने वाले वह यात्री जो एयरपोर्ट पर हुए टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाते है उनके सभी संपर्क में आए लोगों को अलग से इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा और आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक टेस्ट किया जाएगा. इसमें को पैसेंजर, आगे पीछे 3 रो में बैठे लोग और केबिन क्रू भी है.
-होम क्वारंटाइन के दौरान पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों के संपर्क में आए लोगों को भी अलग से इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत टेस्ट किया जाएगा.