नई दिल्ली. इन दिनों कुछ मीडिया संस्था की ओर से एक खबर प्रसारित की जा रही है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि 1 जनवरी से यूपीआई ट्रांजैक्शन महंगा हो गया है. इसके साथ ही थर्ड पार्टी ऐप से पेमेंट करने पर भी अतिरिक्त चार्ज लगेगा. आपको बता दें जैसे ही ये खबर सोशल मीडिया पर शेयर की गई तो तेजी से वायरल हो गई. ऐसे में जो लोग यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन करते है. वो सभी खासे परेशान है. आइए जानते हैं इस खबर की असली सच्चाई…
PIB Fact Check ने की खबर की पड़ताल- भारत सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पीआईबी फैक्ट चेक ने जब इस खबर की पड़ताल की. तो ये खबर बिल्कुल फर्जी निकली. PIB Fact Check ने NPCI के ट्विट को रीट्वीट करते हुए कहा कि, ये खबर एक दम गलत है कि NPCI ने यूपीआई ट्रांजैक्शन को 1 जनवरी से महंगा करने की बात कही है.
दावा : एक #खबर में दावा किया जा रहा है कि नए साल से यूपीआई ट्रांज़ैक्शन महंगे हो जाएंगे व थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेंगे। #PIBFactCheck : यह दावा गलत है। @NPCI_NPCI ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
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— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 9, 2020
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने खबर को बताया फेक- NPCI ने ट्विट करके बताया कि उसकी ओर से यूपीआई ट्रांजैक्शन को महंगा नहीं किया गया. इसके साथ ही थर्ड पार्टी एप्स के जरिए किए जाने वाले भुगतान पर कोई अतिरिक्त शुल्क लगाया है. वहीं NPCI ने कहा कि सोशल मीडिया पर शुल्क बढ़ाने की जो भी ख़बरें प्रसारित हो रही है वे सभी फर्जी हैं.ट
आप भी करा सकते हैं फैक्टचेक- अगर आपको भी किसी सरकार स्कीम या नीतियों की सत्यता को लेकर शक होता है तो आप इसे पीआईबी फैक्ट चेक के लिए भेज सकते हैं. आप विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व मेल के जरिए पीआईबी फैक्ट चेक से संपर्क कर सकते है.