रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ जिले के दो दिवसीय प्रवास के दौरान आज जुनवानी ग्राम से होकर गुजरने वाले चक्रधरपुर नाले में लगभग 1.43 करोड़ के नरवा विकास कार्यो का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. उन्होंने नाले का अवलोकन भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाले के दोनों किनारों पर फलदार वृक्ष लगाए जाए. जिससे वन्य प्राणियों और ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिल सके. नरवा विकास योजना के अंतर्गत वन विभाग द्वारा कैम्पा मद से इस नाले पर संरक्षण कार्य किया जा रहा है. गौरतलब है कि ढेंगुर नाला और रानीदरहा नाला मिलकर चक्रधरपुर नाले के रूप में आगे बढ़ती है और रायगढ़ में केलो नदी में समाहित हो जाती है.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लगभग 11 हजार हेक्टेयर रकबा क्षेत्र का पानी समेट कर 35 किलोमीटर लम्बी यात्रा करती है. नाले के इर्द-गिर्द 9 गांव बसे हैं. लगभग डेढ़ हजार की आबादी को प्रत्यक्ष लाभ मिलने वाला है. नाले पर पानी रोकने के लिए विभिन्न संरचना निर्माण से पानी अब ठहरने लगा है. लोग बाग अब नाले के किनारे अपने खेतों पर साग-सब्जी की खेती करने लगे हैं.
डीएफओ प्रणय मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 8 नालों पर नरवा विकास के कार्य किये गए हैं. चक्रधरपुर नाले सहित 8 नालों पर कैम्पा मद से 3.2 करोड़ रुपये के कार्य किये गए हैं. उन्होंने बताया कि चक्रधरपुर नाले में 208 लूज बोल्डर, 69 ब्रशवुड, 49 गेबियन और 3 स्टॉप डेम बनाये गए हैं. उन्होंने बताया कि यह जंगली हाथी प्रभावित क्षेत्र है. नाले पर पानी ठहरने से हाथियों को पर्याप्त पानी मिलेगा और पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में हाथियों के विचरण पर लगाम लगेगी.