आयकर अधिकारियों की एक टीम सोमवार को बेनामी संपत्ति मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के कार्यालय पहुंची। सूत्रों ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित वाड्रा के कार्यालय पहुंची टीम इस मामले में उनका बयान दर्ज कर रही है।
रॉबर्ट वाड्रा को आयकर विभाग ने पहले भी बयान दर्ज करने के लिए समन किया था लेकिन तब उन्होंने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए बयान दर्ज नहीं कराया था। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल जुलाई में वाड्रा के करीबी आर्म्स डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक नया मामला दर्ज किया था।
रॉबर्ट वाड्रा की लंदन में लगभग 12 मिलियन पाउंड की संपत्ति से जुड़े मामले में पहले से ही जांच चल रही है। यह संपत्ति कथित तौर पर उनकी है। 2018 में दर्ज इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे बड़े पैमाने पर पहले भी पूछताछ की गई है। वाड्रा ने कहा है कि यह मामले राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित हैं।
सितंबर 2015 में, एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने राजस्थान के बीकानेर में गरीब ग्रामीणों के पुनर्वास वाली जमीन का अधिग्रहण किया था। यह आरोप लगाया गया कि वाड्रा ने 69.55 हेक्टेयर भूमि को सस्ती दर पर खरीदा और अवैध लेनदेन के माध्यम से एलेग्नेरी फिनलीज को 5.15 करोड़ रुपये में बेच दिया।
सितंबर 2018 में, गुड़गांव के भूमि सौदों में कथित अनियमितता के लिए उनके और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पुलिस में एक मामला दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ को मौजूदा दर से बहुत अधिक दर पर बेची थी।