Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: BIG NEWS : ट्रम्प समर्थक बने दंगाई… सीनेट पर बोला हमला… चली गोलियां… एक महिला की मौत
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Breaking NewsGrand Newsविदेशविश्व

BIG NEWS : ट्रम्प समर्थक बने दंगाई… सीनेट पर बोला हमला… चली गोलियां… एक महिला की मौत

Desk
Last updated: 2021/01/07 at 10:12 AM
Desk
Share
6 Min Read
SHARE

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद जिस तरीके से विवाद बढ़ा था, उसे लेकर जिस बात की आशंका थी, आखिरकार वह सच में तब्दील हो गया है। 3 नवंबर को ही यह तय हो गया था कि जो बाइडेन दुनिया के सबसे ताकतवर देश के अगले राष्ट्रपति होंगे। जिद्दी डोनाल्ड ट्रम्प फिर भी हार मानने को तैयार नहीं थे। चुनावी धांधली के आरोप लगाकर जनमत को नकारते रहे। हिंसा की धमकियां भी दीं।

- Advertisement -

वोटिंग के 64 दिन बाद जब अमेरिकी संसद बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने जुटी तो अमेरिकी लोकतंत्र शर्मसार हो गया। ट्रम्प के समर्थक दंगाइयों में तब्दील हो गए। संसद में घुसे। तोड़फोड़ और हिंसा की। गोली भी चली और इसमें एक महिला मारी गई। मिलिट्री की स्पेशल यूनिट ने दंगाइयों को खदेड़ा। कई घंटे बाद संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई। यह अब भी जारी है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा- हम बिना डरे अपना काम जारी रखेंगे। हालांकि, यह साफ नहीं है कि अब बाइडेन की जीत की औपचारिक घोषणा कब की जाएगी।

- Advertisement -
Ad image
- Advertisement -

यह है पूरा विवाद संक्षेप
3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुआ। बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिले। सब साफ होने के बावजूद ट्रम्प ने हार नहीं कबूली। उनका आरोप है कि वोटिंग के दौरान और फिर काउंटिंग में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। कई राज्यों में केस दर्ज कराए। ज्यादातर में ट्रम्प समर्थकों की अपील खारिज हो गई। दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं। चुनाव प्रचार के दौरान और बाद में ट्रम्प इशारों में हिंसा की धमकी देते रहे हैं। बुधवार को हुई हिंसा ने साबित कर दिया कि सुरक्षा एजेंसियां ट्रम्प समर्थकों के प्लान को समझने में नाकाम रहीं।

- Advertisement -

ट्रम्प की पार्टी को शिकस्त

- Advertisement -

एरिजोना और पेन्सिलवेनिया में बाइडेन की जीत के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई गईं। लेकिन, कांग्रेस ने इन्हें खारिज कर दिया है। एरिजोना के लेकर मामला ज्यादा फंसा। पहले सीनेट में यहां के नतीजों पर आपत्ति दर्ज कराई गई। जब यहां खारिज हो गई तो मामला हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के पास पहुंचा। आखिरकार यहां भी ऑब्जेक्शन नकार दिया गया। सीनेट में तो ट्रम्प की पार्टी को मुंह की खानी पड़ी। प्रस्ताव के पक्ष में 6 और विरोध में 93 वोट पड़े। पेन्सिलवेनिया को लेकर रिपब्लिकन सांसद जो हैले ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे आपत्ति दर्ज कराएंगे। उन्होंने ऐसा किया भी। लेकिन, उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला।

ट्रम्प ने समर्थकों को भड़काया
रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मिट रोमनी ने घटना के बाद कहा- मैं इस घटना की निंदा करता हूं। मैं शर्मिंदा हूं कि हमारे राष्ट्रपति ने दंगाइयों को संसद में घुसने के लिए भड़काया। लोकतंत्र में जीत और हार को स्वीकारने की हिम्मत होनी चाहिए। दंगाइयों को साफ मैसेज है कि वे सच को कबूल करें। मैं अपनी पार्टी के सहयोगियों से भी यही उम्मीद करता हूं कि वे लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आएंगे। इस बीच, सीएनएन ने दावा किया है कि ट्रम्प कैबिनेट के कुछ मेंबर्स ने एक अर्जेंट मीटिंग की है। इसमें संविधान के अनुच्छेद 25 के जरिए ट्रम्प को हटाने पर विचार किया गया है। हालांकि, इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया।

कैपिटल हिल में हिंसा
बुधवार को इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती और बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने के लिए अमेरिकी संसद के दोनों सदन यानी सीनेट और एचओआर की बैठक शुरू हुई। इसी दौरान ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी के सैकड़ों समर्थक संसद के बाहर जुट गए। नेशनल गार्ड्स और पुलिस इन्हें समझा पाती, इसके पहले ही कुछ लोग अंदर घुस गए। बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की। हिंसा हुई। इस दौरान गोली भी चली। किसने चलाई, क्यों चलाई? यह साफ नहीं है। लेकिन, एक महिला की मौत हो गई।

ट्रम्प की सबसे बड़ी फजीहत
प्रेसिडेंट इलेक्ट की जीत पर मुहर लगाने के लिए कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है। इसकी अध्यक्षता उप राष्ट्रपति करते हैं। इस बार इस कुर्सी पर माइक पेंस थे। पेंस रिपब्लिकन पार्टी के हैं। ट्रम्प के बाद उनका ही नंबर आता है। वे ट्रम्प समर्थकों की हरकत से बेहद खफा दिखे। कहा- यह अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन है। हिंसा से लोकतंत्र को दबाया या हराया नहीं जा सकता। यह अमेरिकी जनता के भरोसे का केंद्र था, है और हमेशा रहेगा।

अमेरिकी संसद में फायरिंग
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक फोटो के जरिए बताया है कि जब ट्रम्प समर्थक संसद में हिंसा कर रहे थे, तभी कुछ पुलिस अफसरों ने दंगाइयों पर रिवॉल्वर तान दी। एक महिला की मौत हुई। हालांकि, यह बहुत साफ नहीं है कि महिला की मौत पुलिस की गोली से हुई या फायरिंग कहीं और से हुई।

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article MURDER : नशे में धुत पिता-पुत्र…आपस में उलझे…फिर बहा रिश्तों का खून
Next Article BREAKING : किसानों का ट्रैक्टर मार्च आज… सरकार पर दबाव बनाने प्रयास जारी… 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की चेतावनी
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

CGNEWS:कलेक्टर उइके ने फिंगेश्वर ब्लॉक के पीएम आवास योजना की समीक्षा की 
Grand News छत्तीसगढ़ May 14, 2025
CG NEWS : छग हाईकोर्ट ने नाबालिग छात्रा को दी अबॉर्शन कराने की अनुमति, साथ ही दिए यह निर्देश  
गौरैला पेंड्रा मारवाही छत्तीसगढ़ May 14, 2025
सेना का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान — गरियाबंद में भाजपा मंत्री विजय शाह का पुतला दहन, कांग्रेस ने की मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग
Grand News May 14, 2025
CGNEWS: चिटफंड कंपनी द्वारा बेची जा रही जमीन, निवेशकों ने की रोक लगाने की मांग 
Grand News छत्तीसगढ़ राजनादगांव May 14, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?