रायपुर। अतिथि प्राध्यापकों की अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन 60 वें दिन भी जारी है। अभी तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है, और ना ही कोई अधिकारी सुध लेने आया है। इस बात से नाराज संघ के लोगों ने उग्रआंदोलन करने की चेतावनी दी है।
महाविद्यालयीन अतिथि प्राध्यापकों ने अपनी नियुक्ति निरंतरता और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश की राजधानी रायपुर में बूढ़ा तालाब के पास अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर 7 नवम्बर से बैठे हैंं इस संघ के धरना प्रर्दशन का 60 दिन पूरे हो गये हैं लेकिन अभी तक शासन की ओर से कोई जवाब नहीं आई है।
जिसे लेकर अतिथि प्राध्यापक शासन से काफी नाराज हैं और जल्द ही राजधानी रायपुर में उग्र आंदोलन की बात कह रहे हैं । चन्द्रशेखर तिवारी का कहना है कि शासन हमें हर वर्ष केवल सात – आठ माह की नौकरी देते हैं और वेतन भी कम दिया जाता है इसके बावजूद भी हम महाविघालयों में पूरी निष्ठा से अपनी सेवा देते हैं । मार्च 2020 से हमें व्यवस्था से पृथक कर दिया है और हमें वेतन भी नही दिया जा रहा है। हम लोग पिछले नौ महीनों से बेकार है और हमें शासन से महाविघालयों में शीघ्र ही नियुक्ति का इंतजार है । शासन 01 नवम्बर से प्रदेश के सभी महाविघालयों में ऑनलाइन क्लास प्रारंभ करने का आदेश प्राचार्यों को दिये हैं लेकिन अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में कोई दिशा निर्देश प्राचार्यों को नहीं दिया गया है जिसके कारण अभी तक हमारी नियुक्ति महाविघालयों में नहीं हो पायी है जिससे हमारी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है।
पिछड़ा वर्ग के सलाहकार मंडल के पूर्व सदस्य डॉक्टर शांति कुमार कैवर्त्य ने इन अतिथि प्राध्यापकों के इस अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का समर्थन करते हुए अतिथि प्राध्यापकों से अपील की है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यथा समय इस पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तब इस आंदोलन-अभियान का विस्तार कर जेल भरो आंदोलन किया जाए। इस हेतु डॉ.कैवर्त्य ने समर्थन-सहयोग की बात कही है।