लखनऊ। बाबरी मस्जिद का मामला एक बार फिर न्यायालय पहुंचा है। इस बार सवाल CBI फैसे को लेकर है। इलाहाबाद कोर्ट में इसकी सुनवाई है। हाजी महबूब और हाजी सैय्यद अखलाक ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से ये याचिका लगाईं है। तीन माह पहले CBI विशेष न्यायालय से आए फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक संशोधन याचिका दायर की गई है। दोनों याचिकाकर्ता अयोध्या के रहने वाले हैं और इस प्रकरण में गवाह थे।
कहा गया है कि CBI ने विशेष न्यायालय द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का कदम नहीं उठाया। इसके चलते हमनें याचिका दायर की है। हाजी महबूब ने कहा कि CBI ने सही फैसला नहीं दिया था। वहीं याचिकाकर्ता के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि आज याचिका दाखिल कर दी गई है। सोमवार को पता चलेगा कब सुनवाई होगी? बता दें कि इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे कई बड़े नेता आरोपी थे।
बीते साल 30 सितंबर 2020 को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत द्वारा सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था।
बाबरी विध्वंस केस में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, उमा भारती, महंत धर्मदास, डॉ. रामविलास वेदांती, चंपत राय, सतीश प्रधान, साध्वी ऋतंभरा, पवन कुमार पांडे, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडे, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी थे।