बिलासपुर। हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ के किसानों की हितों के लिए एक जनहित याचिका लगाई गई थी। जिसे लेकर कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अधिवक्ता आय़ुष भाटिया ने ये जनहित याचिका लगाई है। याचिका के मुताबिक केंद्र ने छ्त्तीसगढ़ सरकार से 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का वादा किया था। लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया। जिससे मौजूदा समय में राज्य सरकार ने जो धान खरीदी की है उसके भंडारण की समस्या उत्पन्न हो रही है। कोर्ट से ये मांग की गई है कि वो FCI को तय सीमा तक धान खरीदी करने के लिए निर्देश दें। ताकि प्रदेश के 21 लाख किसानो को फायदा मिल सके। ऐसा आदेश होने पर लाखों किसानो को राहत मिलेगी। जिनका खाद्यान्न अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जा सका है।
खरीफ विपणन सीजन 2020-21 जो कि 31 जनवरी, 2021 को समाप्त होगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद का राज्य अनुमान 89 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें से 60 एलएमटी की खरीद एफसीआई के केंद्रीय पूल के तहत किसानों से की जानी थी, लेकिन इस वक्त केवल 24 एलएमटी को केंद्रीय पूल में जमा करने के लिए उठाने की अनुमति है। जिससे धान खरीदी प्रभावित हो रही है।
आपको बता दें कि प्रतिबंध के कारणों का विवरण केंद्र ने स्पष्ट रूप से एक पत्र में दिया है। केंद्र के मुताबिक वो राज्य की संचालित एजेंसी MARKFED के खरीदे गए धान की खरीदी नहीं कर सकता है।