एक तरफ सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शत प्रतिशत धान खरीदने का दावा कर रही है, वहीं शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अलग ही तस्वीर सामने आई। यहां चौबेपुर क्षेत्र स्थित धान खरीद केंद्र पर एक किसान ने अपनी 50 क्विंटल धान में आग लगा दी। किसान 10 दिन धान के बिकने का इंतजार कर रहा था। इसके बाद केंद्र पर अफरा तफरी मच गई। आनन-फानन में अन्य किसानों ने आग बुझाई। इसके बाद उसके फसल की तौल हुई है।
आग लगाने पर हुई तौल
चौबेपुर क्षेत्र के खरगपुर निवासी किसान वीरेंद्र सिंह 28 दिसंबर को 50 क्विंटल धान लेकर सरकारी धान खरीद केंद्र पहुंचा था। लेकिन, 10 दिन बीत जाने के बाद भी उसका नंबर नहीं आया। शुक्रवार को उसने केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों से तौल करने की मिन्नतें की, लेकिन कर्मचारी आनाकानी करने लगे। इससे हताश होकर किसान वीरेंद्र सिंह ने अपने धान को आग के हवाले कर दिया। यह देख मौके मौजूद अन्य किसानों ने पानी डालकर आग को बुझाया। वहीं, खरीद केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और उन्होंने आनन-फानन में किसान वीरेंद्र को समझाते हुए उसके धान की तौल शुरू कर दी।
शरारती तत्वों ने लगाई थी आग
मामले की जानकारी होने के बाद सरकारी धान खरीद केंद्र मौके पर पहुंचे संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी रंग बहादुर ने बताया कि शरारती तत्व के द्वारा धान में आग लगा दी गई थी। जिसको चिन्हित किया जा रहा है। उसके ऊपर विधिक कार्रवाई की जाएगी। बाकी सभी आरोप असत्य व निराधार हैं।