बक्सर में एक पति ने दूसरी महिला से अवैध संबंध होने के कारण अपनी ही पत्नी को जलाकर मार डाला। जरीगांवा में शुक्रवार की रात हेमंती के लिए मौत की रात बनकर आई और उसके साथ 2 बच्चों को भी लील गई। शॉर्ट-सर्किट से आग लगने की आड़ में उपेंद्र ने पत्नी के साथ अपने बच्चों को भी मार डाला। हादसे के बाद घर का मंजर जिसने भी देखा, उसकी आंखें बरस पड़ीं। सीने से दूधमुंहे बच्चे को सटाए मां जलकर खाक हो चुकी थी। हादसे के बाद पति के साथ ससुराल वाले भी फरार हैं। गांववालों ने मृतक के मायके वालों को फोन से इसकी जानकारी दी, जिसके बाद वह बदहवास होकर बेटी के ससुराल पहुंचे। उनका आरोप है कि रस्सी से बांधकर हेमंती को सोची-समझी साजिश के तहत मारा गया है। इधर, थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह हादसे में मौत थी या सोची समझी साजिश, इसको लेकर पड़ताल जारी है। मृतक की पहचान न्यूजपेपर हॉकर उपेंद्र सिंह की पत्नी हेमंती देवी (35 साल), और उनके दो बच्चे रागिनी (4 साल), एक चार माह के नवजात के रूप में की गई है।
पति और ससुराल वाले हैं फरार, रस्सी से बांधकर लगा दी आग
हादसे के बाद पति के साथ ससुराल वाले भी घर से फरार हैं। घटना के बाद ससुराल वालों ने हेमंती के मायके वालों को जानकारी नहीं दी। उसे घर में ही छोड़कर वे फरार हो गए। गांववालों ने फोन कर उसके मायके वालों को हादसे की जानकारी दी। हेमंती के एक परिजन विजय शंकर ने बताया कि सूचना के बाद हमलोग जब यहां पहुंचे तो पूरे गांव वाले घर के बाहर जुटे हुए थे लेकिन ससुराल वाले तब तक फरार हो चुके थे। हेमंती का शव एक रस्सी से बंधा हुआ था।
सोची समझी साजिश के तहत पत्नी को मार डाला
हेमंती के माता-पिता के अनुसार उपेंद्र की यह सोची-समझी साजिश थी। उपेंद्र का किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध था। इसी बात को लेकर वह परेशान थी। अक्सर दोनों में इसको लेकर लड़ाई होने लगती थी। बात हाथापाई तक पहुंच जाती थी। जरीगांव में पति-पत्नी के इस मामले को सुलझाने के लिए कई बार पंचायत बैठ चुकी थी, लेकिन पति था कि उसका रवैया सुधरता नहीं था। शुक्रवार को भी इसी बात को लेकर दोनों के बीच तनातनी हुई थी। हालांकि, थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह हादसे में मौत थी या सोची समझी साजिश, इसको लेकर पड़ताल जारी है।
दूधमुंहे बच्चे को छाती से चिपटाए रही मां
हादसे के बाद घर का मंजर जिसने देखा, उसकी आंखें बरस पड़ीं। सीने से दूधमुंहे बच्चे को लगाए मां जलकर खाक हो चुकी थी। उसकी चीत्कार जबतक लोगों ने सुनी तब तक उसकी भगवान ने सुन ली थी। असह्य जलन और पीड़ा से कराहती हेमंती दुनिया को छोड़ कर चली गई और बच्चों को भी अपने साथ ही ले जाना मुनासिब समझा। पौ फटने के बाद जब स्थानीय लोग दरवाजा तोड़कर अंदर आए तो तीनों झुलस कर नीचे पड़े थे। दर्दनाक मौत के बाद तीनों के लिए शायद रोने वाला भी कोई नहीं होता अगर गांववालों ने इसकी जानकारी उसके मायके वालों को ना दी होती। मृतक के परिजन पहुंचने के बाद चीत्कार से पूरा गांव सिहर गया। बच्चे की नानी शव को कंबल में लिपटा कर रोती रही।