महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में हुई आगजनी की वारदात इतनी दर्दनाक है, जिसे शब्दों से बयान नहीं किया जा सकता। मां की कोख से बाहर आए इन मासूमों को अंतिम समय में अपनी मां का गोद तक नसीब नहीं हो पाया। इस भयानक हादसे में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है, जिनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है, पर उनकी सिसकन नहीं थम रही है।
महाराष्ट्र के भंडारा के जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई। ये बच्चे महज 1 से 3 महीने के थे और कमजोर होने की वजह से सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में भर्ती थे। 3 साल पहले भी इसी वार्ड में आग लगी थी, लेकिन सुरक्षा के कदम नहीं उठाए गए। इस बार जब आग लगी तो गार्ड्स को खिड़की तोड़कर अंदर दाखिल होना पड़ा। वहां इतना धुआं था कि बच्चे तो दूर, गार्ड्स तक के लिए भी सांस लेना मुश्किल था। आग इतनी भयानक थी कि वहां रखी सभी मशीनें जलकर खाक हो गईं।
मौके पर मौजूद एक अन्य सिक्योरिटी गार्ड ने बताया, ‘कमरे में चारों ओर धुआं ही धुआं फैला था। कई बच्चों के शरीर काले पड़ गए थे। दो इन्क्यूबेटर में से आग निकल रही थी। उसमें रखे बच्चे बिलख-बिलखकर बुरी तरह से झुलस चुके थे।’
भंडारा ज़िला अस्पताल में आग लगने की घटना में मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी: राजेश टोपे, स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के भंडारा ज़िला अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हुई है। pic.twitter.com/KQGQ7CBdQr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2021
वार्ड में 17 बच्चे भर्ती थे
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद खंडाते के मुताबिक, वार्ड में 17 नवजात बच्चों का इलाज चल रहा था। जिलाधिकारी संदीप कदम ने बताया कि रात को तकरीबन 2 बजे सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में यह आग लगी। हम असली वजहों के बारे में अभी कुछ नहीं बोल सकते। हमने फायर कॉलेज के एक्सपर्ट्स को बुलाया है, उनकी रिपोर्ट के बाद ही कुछ क्लीयर होगा।