बस्तर। युवाओं के पारंपरिक चेतना केंद्र के रूप में प्रसिद्ध, किंतु अब लुप्त हो रही बस्तर की घोटुल परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा से पुनर्जीवन मिलने की उम्मीद बंधी है। आज नारायणपुर में बघेल ने जिले में इस साल 100 घोटुलों के निर्माण की घोषणा की। साथ ही साथ उन्होंने यहां की सभी 104 पंचायतों में 9-9 लाख रुपए की लागत से देवगुड़ियों का विकास करने की भी घोषणा की।
अपने नारायणपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री बघेल द्वारा घोटुलों और देवगुड़ियों के संबंध में की गई घोषणाओं को बस्तर के सांस्कृतिक संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बघेल ने कहा बस्तर की घोटुल परंपरा को देखने समझने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। घोटुल हमारे युवाओं की सामाजिक गतिविधियों के केंद्र रहे हैं, वहां बैठकर वे अपने गांवों और क्षेत्र के विकास की चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि नारायणपुर प्रवास के दौरान कुछ लोगों ने उनसे कहा कि शासन को घोटुलों का निर्माण भी करना चाहिए, साथ ही इस साल 50 घोटुल के निर्माण मांग भी की। मुख्यमंत्री ने इस मांग से सहमति प्रकट करते हुए कहा कि मैं इस साल 100 घोटुल के निर्माण की घोषणा करता हूं, इसमें चाहे 10 लाख रुपए लग जाए या 12 लाख, पैसों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नये घोटुलों का स्ट्रक्चर भले ही पक्का हो, लेकिन उसकी डिजाइन और साज-सज्जा परंपरागत ही होनी चाहिए, ताकि हमारी प्राचीनता की पहचान बनी रहे। बघेल ने जिले की सभी पंचायतों में देवगुड़ियों के विकास की घोषणा करते हुए कहा इन स्थलों पर शौचालय का निर्माण और पेयजल व्यवस्था भी की जाएगी।
बस्तर की गौरवशाली परंपरा को सहेजने इस साल बनेंगे 100 पक्के घोटुल
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