नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल एक और किसान ने शनिवार को आत्महत्या कर ली। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे धरने में शामिल 40 वर्षीय अमरिंदर सिंह ने जहर खाकर अपनी जान दे दी।
जहर खाने के बाद अमरिंदर ने साथी प्रदर्शनकारियों को बताया कि उन्होंने ये कदम इसलिए उठाया है क्योंकि सरकार उनकी मांगों को सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी आत्महत्या किसान आंदोलन को सफलता दिलाने में मदद करेगी।
सिंघु बॉर्डर पर शनिवार देर शाम जब मंच से भाषण दिए जा रहे थे, तभी पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले अमरिंदर सिंह ने मंच के पीछे सल्फास की गोली खा ली।
इसके बाद वह मंच के सामने आ गए और बोलते-बोलते बेहोश हो गए। उनके मुंह से झाग निकलने के बाद उन्हें सोनीपत के फ्रैंक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (FIMS) अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
अमरिंदर के परिजनों का पता लगाने में नाकाम रही है पुलिस
अमरिंदर के शव का रविवार सुबह पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद शव को प्रदर्शन कर रहे अन्य किसानों के हवाले किया जा सकता है क्योंकि पुलिस अभी तक अमरिंदर के परिजनों का पता लगाने में नाकाम रही है।
आंदोलन के दौरान चौथे किसान ने की आत्महत्या
बता दें कि अमरिंदर किसान आंदोलन के दौरान आत्महत्या करने वाले चौथे किसान हैं। इससे पहले दिसंबर की शुरूआत में राम सिंह नामक एक 65 वर्षीय सिख संत ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके कुछ दिन बाद एक 22 वर्षीय किसान ने भी बठिंडा में प्रदर्शन से लौटने के बाद आत्महत्या कर ली। वहीं उत्तर प्रदेश के कश्मीर सिंह लाडी ने 2 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली थी।