बिहार में भाजपा के सहयोग से नीतिश कुमार की सरकार तो बन गई है, लेकिन विवादों से छुटकारा नहीं मिल पाया है। भाजपा ने चुनाव के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ही बनेंगे, लेकिन जिस तरह की सियासत बिहार में चल रही है, मुख्यमंत्री नीतिश के साथ ही जेडीयू की पटरी भाजपा के साथ नहीं बैठ रही है।
जेडीयू की प्रदेश कार्यकारिणी के बैठक के दौरान चुनाव हारने वाले कई प्रत्याशियों ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और इसके लिए सीधे तौर पर सहयोगी दल को ही जिम्मेदार ठहराया। इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे साफ कहा कि वे चुनाव परिणाम को भूलकर काम करें।उनकी सरकार पूरे 5 साल तक चलेगी।
नीतीश का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं की चर्चा चुनाव के बाद से ही चल रही हैं. साथ ही हालिया पार्टी बैठक में नीतीश ने ये भी कहा था कि चुनाव के वक्त उन्हें पता ही नहीं चला कि उनका दोस्त कौन है और दुश्मन कौन?
बैठक में नीतीश कुमार जेडीयू नेताओं की सभी बात को शांति से सुनते रहे। जब सीएम नीतीश के बोलने की बारी आई तो उन्होंने चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों को सलाह दी कि वे चुनाव परिणाम को भूल कर पूरी मजबूती के साथ उसी तरीके से क्षेत्र में काम करते रहें, जैसा वे चुनाव जीतने पर करते। सीएम नीतीश ने कहा कि हमें जिन्होंने वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक समान काम करना है। आप लोग समाज के हर तबके के बीच जाइए और उनके उत्थान के लिए काम करिए। सरकार पूरे 5 साल चलेगी।