- मृत बीएसपी कर्मी का 7 दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं होने से चिंतित पत्नी की तबीयत बिगड़
00 परिजन कर रहे हैं अनुकंपा नियुक्ति की मांग
भिलाई। बीएसपी कर्मी कार्तिक राम ठाकुर की मौत के बाद से घर में मातम पसरा है। पति की मौत के बाद अब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है, इस चिंता में घर पर बैठी पत्नी आशना ठाकुर की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने बताया कि बीपी हाई है, खाना वगैरह ठीक से नहीं खा रहे हैं, जिसकी वजह से कमजोर हो चुके हैं। यह कहते हुए उन्होंने दवा दिया और स्लाइन भी चढ़ाया है। पीडित परिवार अपने अधिकार की मांग कर रहा हैै। वहीं पूरे प्रकरण में बीएसपी प्रबंधन अब तक नरम पड़ता नजर नहीं आ रहा है।
बीएसपी कर्मी कार्तिक राम ठाकुर की मौत हुए 7 दिन बीत चुका है, मेडिकल ग्राउंड पर परिवार अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहा है। प्रबंधन और परिवार के मध्य मामला सुलझा नहीं है, जिसके कारण अब तक शव सेक्टर-9 अस्पताल के मरच्यूरी में रखा हुआ है। जब तक परिवार अंतिम संस्कार की रस्म को अदा नहीं करता, तब तक घर में चुल्हा जलाया नहीं जाता। पीडित परिवार के घर में लगातार रिश्तेदार और समाज के लोग पहुंच रहे हैं। जिसकी वजह से पीडित परिवार में गम के साथ-साथ तनाव भी है।
बीएसपी के पर्सनल विभाग से एक महिला अधिकारी पीडित परिवार से मिलने एक दिन उनके घर पहुंची थी। उनकी ओर से परिवार से स्पष्ट बात नहीं किया जा रहा है। जिससे प्रबंधन की ओर से अब तक इस दिशा में क्या पहल की गई है, वह साफ हो सके। परिवार चाहता है कि प्रबंधन की ओर से जो भी पहल की जा रही है, उसकी जानकारी उनको दिया जाए।
ज्ञात हो कि बीएसपी कर्मी ने सेक्टर-9 के आईसीयू में रहने के दौरान मेडिकल अनफिट की मांग करते हुए बेटे को नौकरी देने की मांग की थी। आवेदन 2 जनवरी 2021 को कर्मी के विभाग के महाप्रबंधक तक पहुंचा। जहां से 4 जनवरी 2021 को बीएसपी के स्वास्थ्य विभाग के लिए फर्वड किया गया। जिसमें बीएसपी कर्मी ने नियम के मुताबिक मेडिकल अनफिड के ग्राउंड पर बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने मांग किया था।
पीडित परिवार से मिलने पहुंचे श्रमिक नेता आर परगनिहा ने बताया कि बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में हर गुरुवार को मेडिकल बोर्ड की बैठक होती है। जिसमें इस तरह के आवेदन को रखा जाता है। वहीं मरीज की स्थिति को देखते हुए जरूरी होने पर छुट्टी के दिन भी मेडिकल बोर्ड की बैठक बुलाई जा सकती है। करीब 10 साल पहले एक कर्मचारी की तबीयत अधिक बिगड़ गई थी, तब रविवार को छुट्टी के दिन भी मेडिकल बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद उक्त कर्मचारी को मेडिकल अनफिट घोषित कर बेटे के लिए अनुकंपा नियुक्ति के प्रोसेस को आगे बढ़ाया गया था। इस मामले में भी कर्मचारी 24 नवंबर 2020 से बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में दाखिल था, प्रबंधन ने उसकी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए रायपुर के निजी अस्पताल में रेफर किया। वहां से फिर वापस सेक्टर-9 में लाया गया। काउंसलिंग में डॉक्टर मरीज के दोनों किडनी खराब होने की बात परिवार को बताए। तब मरीज ने आईसीयू में रहते हुए मेडिकल अनफिट ग्राउंड पर बेटे के लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग किया। अब बीएसपी प्रबंधन इस प्रोसेस को आगे बढ़ाने की जगह समय बिताने का काम में जुट गई है।
गोंणवाना गोड़ महासभा के जिलाध्यक्ष व रिसाली के पार्षद चंद्रभान सिंह ठाकुर ने कहा कि समाज सड़क पर आंदोलन करने उतरेगा। बीएसपी कर्मी कार्तिक राम ठाकुर को 24 नवंबर 2020 को सेक्टर-9 अस्पताल में दाखिल किया गया। सेक्टर-9 से उनको 27 नवंबर 2020 की रात में रामकृष्ण हॉस्पिटल, रायपुर रेफर किया गया। 10 दिसंबर 2020 की रात में रामकृष्ण, रायपुर से सेक्टर-9 के चेष्ट वार्ड में लाकर दाखिल किए। जहां 4 जनवरी 2021 को रात 8 बजे के बाद अंतिम सांस लिया। प्रबंधन को उसकी तबीयत से संबंधित सारी जानकारी थी, तब भी आवेदन मिलने के बाद सोमवार को मेडिकल बोर्ड की बैठक क्यों नहीं किया। अब तक मेडिकल बोर्ड की बैठक कर निर्णय क्यों नहीं लिया जा रहा है।
जिला प्रशासन भी पूरे मामले में खामोश है, 7 दिनों से शव मरच्यूरी में रखा है इस स्थिति में कलेक्टर खुद इस विषय को संज्ञान में लेकर हस्ताक्षेप कर सकते थे। वहां से भी कोई पहल नहीं हुई है।