दंतेवाड़ा। माओवादी अपने खौफ को बरकरार रखने के लिए आए दिन ग्रामीणों को यातनाएं दे रहे हैं। कभी उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ मचाते हैं, तो गोली मारकर हत्या कर देते हैं, तो कभी अगवा कर ले जाते हैं और जंगल में काटकर फेंक देते हैं। ऐसी ही एक वारदात 6 जनवरी को कटेकल्याण में हुई, जहां एक ग्रामीण को माओवादियों ने अगवा कर लिया। नीयत हत्या की थी, लेकिन चार दिनों उसे बंधक बनाकर उसकी पिटाई करते रहे और उसका मुंह खुलवाने की कोशिश में लगे रहे। इससे पहले कि माओवादी किसी अप्रिय वारदात को अंजाम दे पाते, डीआरजी के जवानों ने उस ग्रामीण को माओवादियों के चंगुल से निकाल लिया।
जानकारी के मुताबिक, स्कूल पारा, टेटम निवासी भीमा मड़काम (32) को नक्सलियों ने 6 जनवरी की देर रात अगवा कर लिया था। बताया जा रहा है कि नक्सली बुधराम, विज्जा और पांडे सहित करीब 25 से 30 नक्सली भीमा के घर पहुंचे और उसे उठाकर नयनार के जंगल में ले गए थे। वहां बंधक बनाकर नक्सलियों ने ग्रामीण की जमकर पिटाई की। इसके चलते उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान पड़े हैं।
हत्या करना चाहते थे नक्सली
इस बीच सूचना मिलने पर डीआरजी के जवानों ने रविवार को नयनार के जंगल में धावा बोल दिया। बताया जा रहा है कि देर शाम तक चली कार्रवाई के दौरान नक्सली वहां से जान बचाकर भाग निकले। बताया जा रहा है कि भीमा मड़काम की नक्सली हत्या करना चाहते थे। उन्हें भीमा पर पुलिस मुखबिरी का शक था। डीआरजी जवानों ने भीमा को सीएचसी में भर्ती कराया है।