Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: सूचना युग में निजता की धारणा, जानिए- क्‍या होगा वाट्सएप की शर्तें मानने का परिणाम
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Grand Newsटेक्नोलॉजी

सूचना युग में निजता की धारणा, जानिए- क्‍या होगा वाट्सएप की शर्तें मानने का परिणाम

Neeraj Gupta
Last updated: 2021/01/11 at 12:51 PM
Neeraj Gupta
Share
7 Min Read
SHARE

वर्तमान समय को सूचना-प्रौद्योगिकी युग सिर्फ इसलिए नहीं कहना चाहिए कि आज यह सर्वाधिक उन्नत अवस्था में है, बल्कि ऐसा कहने का कहीं अधिक बड़ा कारण यह है कि आज सूचना-प्रौद्योगिकी मानव जीवन को नियंत्रित कर रही है। नई तकनीकों ने पहले सूचना के प्रसारण को आसान बनाया और इसकी गति तेज कर दी। धीरे-धीरे मानव जीवन इसका इतना अभ्यस्त हो गया कि वो दुनिया में घटित हो रही तमाम घटनाओं से रियल टाइम में ही जुड़ने को बेचैन होने लगा, भले ही उन घटनाओं से उनके जीवन पर कोई सीधा प्रभाव न पड़ता हो। यह प्रवृत्ति ज्यों-ज्यों सघन होती गई त्यों-त्यों सूचनाओं का जाल भी मजबूत होता गया।

सूचनाओं के इस तरह मानव जीवन में केंद्रीय हो जाने का स्वाभाविक परिणाम यही होना था कि इनकी संचालक शक्तियां भी इसी अनुरूप महत्वपूर्ण हो जाएंगी। इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि आज इन शक्तियों ने मानव जीवन के निर्णायक हिस्से को नियंत्रण में कर लिया है। नियंत्रण की यह प्रक्रिया मोटे तौर पर दो तरीकों से संपन्न हो रही है- एक तो सूचनाओं पर एकाधिकार स्थापित कर ये शक्तियां मनमाने ढंग से इसकी अभिव्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं, तो दूसरा निजता का विषय है जो आज संकट में है।

- Advertisement -
Ad image

अब अगर पहली स्थिति को देखें तो ट्विटर और फेसबुक पर यह आरोप लगता रहा है कि वे सूचनाओं को एक खास तरीके से प्रसारित होने में मदद करते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि सूचनाएं स्वाभाविक प्रवाह के रूप में हम तक नहीं पहुंच रही हैं, बल्कि इनका उपयोग कुछ पूर्व निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। यह स्थिति खतरनाक है। खासकर ट्विटर जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति को अपनी बात कहने से वंचित कर दे रहा है, इसका अर्थ यही है कि ये सूचना प्रसारणकर्ता से बढ़कर सूचना नियंत्रक हो गए हैं। दूसरा मसला निजता का है जो अधिक महत्वपूर्ण है। वाट्सएप ने जब से अपनी नई सेवा शर्तें लागू की है, तब से यह विमर्श तेज हो गया है।

- Advertisement -

सबसे पहले देखते हैं कि आखिर वाट्सएप ने क्या परिवर्तन किए हैं जिनसे निजता के प्रभावित होने की बात हो रही है। वाट्सएप अपने यूजर्स से नई सेवा शर्तों से सहमति जताने की अपेक्षा करता है और अगर कोई आठ फरवरी तक ऐसा नहीं करता है, तो उसका वाट्सएप अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा। अब इन शर्तों में ऐसे बिंदुओं को देखें जो निजता को बुनियादी रूप से प्रभावित करते हैं, तो सबसे बड़ा मुद्दा वाट्सएप के डाटा को फेसबुक से शेयर किया जाना है।

वस्तुत: जब से फेसबुक ने ट्विटर को खरीदा है, तब से वह लगातार इस कोशिश में है कि दोनों माध्यम परस्पर पूरक के रूप में कार्य करें और यही निजता उल्लंघन के मूल में है। नई शर्तों में वाट्सएप ने कहा है कि वह उपयोगकर्ता का मोबाइल नंबर, उसके वित्तीय लेन-देन का विवरण, सेवा संबंधी सूचना समेत अन्य जिस भी रूप में यूजर्स एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं तथा मोबाइल फोन व आइपी एड्रेस की सूचना फेसबुक तथा अन्य कंपनियों के साथ साझा कर सकेगी। पूर्व की सेवा शर्तों में वाट्सएप ने इसे वैकल्पिक रखा था, लेकिन अब इससे सहमति जताना आवश्यक है। केवल यूरोपीय संघ के यूजर्स को इससे बाहर रखा गया है अर्थात वे चाहें तो इनसे सहमति जताए बिना भी वाट्सएप का उपयोग जारी रख सकते हैं।

वैश्विक रूप से वाट्सएप के पास लगभग दो अरब ग्राहक हैं और इसके माध्यम से भुगतान सेवा भी शुरू हो चुकी है। जाहिर है कि इसके पास लोगों के वित्तीय लेन-देन से जुड़ी व्यापक जानकारी होगी, जिसे किसी भी अन्य कंपनी से साझा करने का अधिकार इसके पास होगा। इसके अतिरिक्त वाट्सएप यूजर्स के स्टेटस, लोकेशन आदि सूचनाओं का भी संग्रह कर सकेगा। वह बिजनेस एकाउंट पर भी निगरानी कर सकेगा। वर्तमान में वाट्सएप पर लगभग पांच करोड़ बिजनेस एकाउंट हैं, जिसकी सूचनाओं पर नजर रखी जा सकेगी। हालांकि, नई सेवा शर्तो में भी इस बात को स्पष्ट किया गया है कि वाट्सएप निजी संवाद में दखल नहीं देता। वाट्सएप इन चैट्स को अपने सर्वर में सुरक्षित भी नहीं रखता, इसलिए इसके किसी अन्य से साझा करने का सवाल ही नहीं। किंतु वाट्सएप पर साझा हो रहे मीडिया के बारे में नई शर्त कहती है कि अब वह इसे सुरक्षित रख सकेगा। इसके पीछे वाट्सएप ने गलत व भ्रामक सूचना के प्रसार को नियंत्रित करने की बात कही है।

ऊपरी तौर पर यह लग सकता है कि जब वाट्सएप निजी बातचीत को न तो पढ़ेगा और न शेयर करेगा, तो फिर अन्य बुनियादी जानकारियों के सार्वजनिक होने से क्या फर्क पड़ता है? लेकिन थोड़ी-सी गहराई में जाएं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा। यह स्थिति केवल वाट्सएप के वित्तीय लाभ प्राप्त कर लेने भर का नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन को चारों तरफ से घेर लेने का भी है, जहां वह एक दूसरे की निजी जानकारियों से घिरे होंगे। यह इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि यह स्वयं निजता को ही पुर्नसरचित करने लग जाएगा। निजी सूचनाओं के इस विपुल भंडार से संचालित विज्ञापन और लक्षित संदेश इतना कठोर आवरण निर्मित कर देंगे कि व्यक्तित्व भी उसी अनुरूप ढलने लग जाएगा। यही वह स्थिति है जहां सूचना प्रसारणकर्ता शक्तियों का मानव जीवन पर निर्णायक पकड़ सिद्ध करता है। अब ये अपने हिसाब से मानव व्यवहार को निर्देशित कर सकने में काफी हद तक समर्थ हो सकेंगे। अत: आवश्यक है कि एक दायरा निश्चित हो जिसके पार ये कंपनियां निजी जीवन में हस्तक्षेप न कर सकें।

भारतीय संदर्भ में देखें तो केएस पुट्टास्वामी मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 9-0 के बहुमत से निजता को मौलिक अधिकार माना था। उसी मामले में टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता भारतीय संविधान का आधार है तथा निजता मानव गरिमा का मूल तत्व है। वाट्सएप ने नई सेवा शर्तें लागू की है, जिसके तहत वह यूजर्स की व्यापक गतिविधियों पर निगरानी रखने की मंजूरी मांग रहा है। ऐसे में निजता का मसला एक बार फिर चर्चा में है

TAGGED: ग्रैंड न्यूज़, ट्विटर और फेसबुक, वाट्सएप, सूचना युग
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि, अबतक चपेट में आए ये नौ राज्य
Next Article Arjun Rampal की बहन कोमल रामपाल पहुंची NCB ऑफ़िस, जानें- ड्रग्स केस में क्यों की जा रही है कोमल से पूछताछ
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात*
Grand News June 6, 2025
CG NEWS: बस्तर अब डर से नहीं, डिजिटल बदलाव से पहचाना जा रहा है: विष्णुदेव साय
Grand News छत्तीसगढ़ बस्तर June 6, 2025
CG NEWS: वृक्षारोपण से भविष्य सुरक्षित करने की मुहिम, 5 जून से स्नेहा सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की पहल
Grand News छत्तीसगढ़ दुर्ग June 6, 2025
CG NEWS: विधायक अनुज ने यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल का किया शुभारंभ
Grand News छत्तीसगढ़ June 6, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?