वामदलों सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई-एमएल व उनसे जुड़े श्रम-संगठनों सीटू, एटक, ऐक्टू ने आज इक्विपमेंट चौक, सेक्टर–1 में सुबह 8 से 9 बजे तक कृषि कानूनों व चार श्रम संहिताओं के खिलाफ़ संयुक्त रूप से प्रदर्शन करते हुए उनकी प्रतियाँ जलाईं व प्रतियों को फाड़कर सरकार की किसान व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ़ तीखा आक्रोश जताया और कृषि कानूनों व चार श्रम-संहिताओं को किसानों व मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज़ करार दिया।
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार की किसान व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकरनारेबाजी करते हुए सरकार से इन काले कानूनों को किसान, मज़दूर व आमजन के हितों के मद्देनज़र तत्काल वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंदोलनरत किसानों की तकलीफों को ध्यान में रखते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार को स्पष्ट चेतावनी देने के बजाय समिति गठन करने को किसान आंदोलन को खत्म करने का एक गहरा षड़यंत्र बताया और आंदोलनरत किसानों का आह्वान किया कि वे समिति के झाँसे में न आते हुए कृषि कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रखें।
इस अवसर पर सीपीआई-एमएल व ऐक्टू से शिवकुमार प्रसाद, ए शेखर राव, श्याम लाल साहू, नारद राम निषाद, बी पी सिंह; सीपीआई व एटक से विनोद कुमार सोनी, बसंत उइके, मोहम्मद इक़बाल, बहुर सिंह कुर्राम, एस के रावटे; सीपीएम व सीटू से पी वेंकट राव, सविता मालवीय, जमील अहमद, उमराव सिंह पुरामें, योगेश सोनी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
वामदलों सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई-एमएल व उनसे जुड़े श्रम-संगठनों सीटू, एटक, ऐक्टू ने आज इक्विपमेंट चौक, सेक्टर–1 में सुबह 8 से 9 बजे तक कृषि कानूनों व चार श्रम संहिताओं के खिलाफ़ संयुक्त रूप से प्रदर्शन करते हुए उनकी प्रतियाँ जलाईं व प्रतियों को फाड़कर सरकार की किसान व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ़ तीखा आक्रोश जताया और कृषि कानूनों व चार श्रम-संहिताओं को किसानों व मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज़ करार दिया।
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार की किसान व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से इन काले कानूनों को किसान, मज़दूर व आमजन के हितों के मद्देनज़र तत्काल वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंदोलनरत किसानों की तकलीफों को ध्यान में रखते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार को स्पष्ट चेतावनी देने के बजाय समिति गठन करने को किसान आंदोलन को खत्म करने का एक गहरा षड़यंत्र बताया और आंदोलनरत किसानों का आह्वान किया कि वे समिति के झाँसे में न आते हुए कृषि कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रखें।
इस अवसर पर सीपीआई-एमएल व ऐक्टू से शिवकुमार प्रसाद, ए शेखर राव, श्याम लाल साहू, नारद राम निषाद, बी पी सिंह; सीपीआई व एटक से विनोद कुमार सोनी, बसंत उइके, मोहम्मद इक़बाल, बहुर सिंह कुर्राम, एस के रावटे; सीपीएम व सीटू से पी वेंकट राव, सविता मालवीय, जमील अहमद, उमराव सिंह पुरामें, योगेश सोनी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।