रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी की जाति मामले में फिर एक नया अध्याय जुड़ गया है। जाति विवाद की वजह से ऋचा जोगी को मरवाही उपचुनाव में अपात्र करार दे दिया गया था, इस मसले पर ऋचा जोगी ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पीटिशन दायर किया था, जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार से 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
विदित है कि ऋचा जोगी ने मरवाही उपचुनाव में नामांकन दाखिल किया था, जिसमें अपनी जाति अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) बताई थी। जिस पर कई आपत्तियां दर्ज कराई गई, वहीं राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी ने ऋचा जोगी को आदिवासी मानने से इंकार करते हुए उपचुनाव से अपात्र कर दिया, जिस पर जिला प्रशासन ने भी मुहर लगा दी थी।
मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन निराश होना पड़ा, जिसके बाद अब ऋचा जोगी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ भी जाति को लेकर वाद दायर किया गया है, जिस पर हाई पाॅवर कमेटी ने फैसला दे दिया है और उन्हें व परिवार को आदिवासी नहीं माना है।
बहरहाल दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे व पूर्व विधायक अमित जोगी ने विश्वास जताया है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जरूर न्याय मिलेगा और उनके आदिवासी होने का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
आज माननीय उच्च न्यायालय ने मेरी धर्मपत्नी डॉक्टर श्रीमती ऋचा जोगी की रिट याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ शासन को चार हफ़्ते में जवाब देने को कहा है।मुझे पूरा विश्वास है कि हमेशा की तरह मेरे परिवार को देश की न्यायपालिका से न्याय मिलेगा: सत्यमेव जयते!
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) January 13, 2021