वाशिंगटन। नव निर्वाचित जो बाइडन 20 जनवरी (Joe Biden Inauguration on January 20th) को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे लेकिन इस समारोह की सुरक्षा को लेकर चिंताएं उभरने लगी हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक 20 जनवरी को आयोजित होने वाले समारोह में जो बाइडन, नव निर्वाचित सांसद समेत अमेरिका की दिग्गज हस्तियां मौजूद होंगी। ऐसे में किसी बवाल की आशंका और गणमान्य हस्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं उभरने लगी है। अमेरिकी प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है इसलिए चाक चौबंद सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।
हजारों ट्रंप समर्थक संसद को घेरने को तैयार
इस बीच डेमोक्रेट सांसद कोनोर लैम्ब ने यह दावा किया है कि बाइडन के शपथ ग्रहण से पहले करीब चार हजार हथियारबंद ट्रंप समर्थक संसद परिसर को घेरने की साजिश रच रहे हैं। इससे पहले एफबीआइ ने वाशिंगटन और देश के 50 प्रांतों की राजधानियों में सशस्त्र प्रदर्शनों की चेतावनी दी थी। इस कानून प्रवर्तन एजेंसी ने कहा था कि 16 से 20 जनवरी तक इस तरह के प्रदर्शनों की तैयारी है। बाइडन 20 जनवरी को शपथ लेंगे। ऐसे में आयोजन की सुरक्षा को लेकर आशंकाएं उठनी स्वाभाविक हैं।
हमले में जज का बेटा गिरफ्तार
इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने भी उपद्रवियों की धर-पकड़ तेज कर दी है। संसद परिसर पर गत छह जनवरी को हुए हमले के मामले में न्यूयॉर्क के एक जज के बेटे को गिरफ्तार किया गया है। किंग्स काउंटी सुप्रीम कोर्ट के जज स्टीवेन मोस्टोफस्की के बेटे एरोन को पकड़ा गया है। उसे सरकारी संपत्ति की चोरी और प्रतिबंधित इलाके में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।
सांसदों को मिल रही धमकियां
अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने के प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसदों को जान से मारने की धमकी मिल रही है। मालूम हो कि अमेरिका में नव निर्वाचित जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए बीते छह जनवरी को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया था। इसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने संसद परिसर पर हमला बोल दिया था।
लोकतंत्र पर हमले के मामले में 160 जांचें जारी
अमेरिकी संसद पर गत छह जनवरी को हुए हमले के मामले की छानबीन में तेजी आई है। एफबीआइ ने 160 से ज्यादा जांचें शुरू की हैं। अधिकारियों ने बताया कि हमले में शामिल रहे ट्रंप के कुछ वफादार समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह के मामले चलाने पर विचार हो रहा है।
आगे बढ़ी महाभियोग की प्रक्रिया
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी से पहले पद से हटाने में जुटे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने महाभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है। उन्होंने संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा से मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर उप राष्ट्रपति माइक पेंस से ट्रंप को पद से हटाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने 25वें संविधान संशोधन के इस्तेमाल से इन्कार कर दिया। इसके बाद सदन की स्पीकर और डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने महाभियोग ट्रायल के लिए नौ मैनेजरों को नियुक्त कर दिया।
यह है 25वां संविधान संशोधन
25वें संविधान संशोधन के तहत उप राष्ट्रपति और कैबिनेट को यह अधिकार मिल जाता है कि वे राष्ट्रपति को पद से हटा दें। यह कदम उस स्थिति में उठाने का प्रावधान है, जिसमें राष्ट्रपति अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन न कर रहे हों।
मतदान के जरिए तय किए जाएंगे आरोप
सदन में सोमवार को महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया गया था। अब इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान के जरिये ट्रंप पर आरोप तय किए जाएंगे। प्रतिनिधि सभा में मंगलवार रात एक प्रस्ताव 205 के मुकाबले 223 मतों से पारित किया गया। एक को छोड़ ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सभी सांसदों ने विरोध में मत डाले। पांच रिपब्लिकन अनुपस्थित रहे। इस प्रस्ताव के माध्यम से ट्रंप को हटाने के लिए उप राष्ट्रपति पेंस और कैबिनेट से अपील की गई। उनसे यह कहा गया कि वे 25वें संविधान संशोधन के प्रावधानों को लागू कर ट्रंप की फौरन पद से हटा दें।