भारतीय टीम सिडनी में साहसिक ड्रॉ कराने के बाद ब्रिसबेन पहुंच चुकी है जहां उसे अपने टीम होटल में सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है, लेकिन टीम इंडिया के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती ब्रिसबेन में 15 जनवरी से शुरू होने वाले चौथे और आखिरी टेस्ट के लिए एक फिट प्लेइंग इलेवन चुननी है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए चार टेस्टों की सीरीज 1-1 से बराबर चल रही है और सीरीज का फैसला ब्रिसबेन में आखिरी टेस्ट से होना है। यदि भारत ब्रिसबेन टेस्ट को जीतता है या ड्रॉ खेलता है तो वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखेगा क्योंकि भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया से पिछली सीरीज 2-1 से जीती थी।
भारत अपने चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझ रहा है। भारतीय टीम सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (पहले दो टेस्ट) और तेज गेंदबाज इशांत शर्मा (पूरी सीरीज से बाहर) के बिना ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी। दोनों खिलाड़ी आईपीएल में चोटों के शिकार हुए थे। तेज गेंदबाज मोहमद शमी एडिलेड में पहले टेस्ट में चोटिल हुए जबकि दूसरे तेज गेंदबाज उमेश यादव मेलबर्न में दूसरे टेस्ट में चोटिल हुए और दोनों तेज गेंदबाज सीरीज से बाहर हो गए। लेफ्ट आर्म स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा का बाएं हाथ का अंगूठा सिडनी में तीसरे टेस्ट में टूट गया और वह ब्रिसबेन में होने वाले चौथे टेस्ट से बाहर हो गए। तीसरे टेस्ट में टीम के शीर्ष तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पेट में खिंचाव के शिकार हो गए और वह ब्रिसबेन में होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट से बाहर हो सकते हैं। हालांकि अभी बुमराह के लिए ऑफिशियली रूप से कुछ कहा नहीं गया है कि वह इस टेस्ट से बाहर होंगे या खेलेंगे।
सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को पसलियों में गेंद लगी जिसके बाद वह चेस्ट गार्ड पहन कर खेले जबकि हनुमा विहारी सिंगल लेते वक्त हैमस्ट्रिंग चोट के शिकार हो गए। हालांकि हनुमा और अश्विन ने 258 गेंदों पर 62 रन की नॉटआउट साझेदारी कर टेस्ट ड्रॉ करा दिया। लेकिन दोनों चोटों के शिकार हैं और सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को भी चोट है। तीसरे टेस्ट में विकेटकीपर ऋषभ पंत को कोहनी में चोट लगी थी जिसके बाद उन्होंने विकेटकीपिंग नहीं की थी और ऋद्धिमान साहा ने विकेटकीपिंग का जिम्मा संभाला था। हालांकि पंत ने भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए 97 रन बनाए थे।
इसके अलावा बल्लेबाज लोकेश राहुल नेट प्रैक्टिस में कलाई में चोट लगाने के कारण सीरीज से बाहर हो गए थे और उन्हें स्वदेश लौटना पड़ा। राहुल को पहले तीनों टेस्टों में खेलने का मौका नहीं मिला था। कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे और कोच रवि शास्त्री के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या एक फिट प्लेइंग इलेवन चुननी है जिसमें टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण अब तक का सबसे अनुभवहीन आक्रमण हो सकता है। भारत के पास तेज गेंदबाजी विभाग में अब मोहम्मद सिराज और नवदीप सैनी के अलावा शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन रह गए हैं। सिराज के पास दो टेस्टों और सैनी के पास एक टेस्ट का अनुभव है। ठाकुर ने अपना एकमात्र टेस्ट 2018 में खेला था जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नटराजन को अपना टेस्ट डेब्यू करना है।
अगर स्पिन डिपार्टमेंट को देखा जाए तो जडेजा बाहर हो चुके हैं, अश्विन को चोट है और टीम के पास चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव बचते हैं। कुलदीप ने इस दौरे में अब तक कोई टेस्ट नहीं खेला है। यानी आखिरी टेस्ट में भारत का जो गेंदबाजी आक्रमण उतरेगा वह काफी अनुभवहीन रहेगा और ब्रिसबेन का मैदान ऐसा है जहां भारत कभी टेस्ट मैच नहीं जीता है और ऑस्ट्रेलिया पिछले 33 सालों से इस मैदान पर अपराजित है। बल्लेबाजी में भारत का टॉप ऑर्डर तो ठीक है जहां ओपनिंग में उसके पास रोहित शर्मा और शुभमन गिल तथा तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा हैं। चौथे नंबर पर कप्तान अजिंक्य रहाणे उतरेंगे लेकिन बल्लेबाजी में समस्या इसके बाद शुरू होती है।
हनुमा विहारी का खेलना मुश्किल नजर आता है और पंत के लिए विकेटकीपिंग करना मुश्किल हो सकता है। क्या टीम मैनेजमेंट पंत को केवल बल्लेबाज के तौर पर खेलने पर विचार कर सकता है और विकेटकीपर के लिए साहा को उतार सकता है। हनुमा के नहीं खेलने की स्थिति में क्या पृथ्वी शॉ को उतारा जा सकता है, जिन्हे खराब प्रदर्शन के कारण पहले टेस्ट से बाहर कर दिया गया था। क्या अश्विन चौथे टेस्ट में गेंदबाजी और बल्लेबाजी करने के लिए फिट हैं। मयंक के साथ भी चोट है और वह मेलबर्न टेस्ट के बाद कितना फिट हुए हैं। टीम के पास वॉशिंगटन सुन्दर भी हैं जो निचले मध्य क्रम के बल्लेबाज और उपयोगी ऑफ स्पिन गेंदबाज भी हैं। यदि अश्विन फिट नहीं होते हैं तो सुन्दर को भारत का 300वां टेस्ट खिलाड़ी बनने का मौका मिल सकता है। यदि टीम मैनेजमेंट बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नटराजन को चुनता है तो वह भी टेस्ट डेब्यू कर सकते हैं। ब्रिसबेन टेस्ट से पहले भारत के पास कई सवाल हैं और उसे अगले 24 घंटों में इनका जवाब ढूंढ लेना होगा तभी जाकर वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक जंग में एक फिट फ़ौज उतार पाएगा।